2020 में CAA और NRC के विरोध- में भड़की हिंसा में 53 मौतें हुई थी और 700 से अधिक घायल हुए थे.
दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद को कोर्ट से मिली 7 दिन की जमानत !
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को उसके चचेरे भाई की शादी में शामिल होने के लिए सात दिन की अंतरिम जमानत मिली है. कड़कड़डूमा कोर्ट ने यह जमानत 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक के लिए मंजूर की है. उमर खालिद इस समय 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की बड़ी साजिश से जुड़े मामले में न्यायिक हिरासत में है. दिल्ली पुलिस ने उसे सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से खालिद की सभी जमानत याचिका खारिज ही हुई थी.
खालिद पर गंभीर आरोप
खालिद पर आरोप है कि उसने दंगों की साजिश रची और हिंसा भड़काने में भूमिका निभाई. हालांकि, उमर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि उनका दंगों से कोई लेना-देना नहीं है. उमर खालिद ने अदालत से अपने भाई और बहन की शादी में शामिल होने के लिए 10 दिन की जमानत मांगी थी. हालांकि, अदालत ने उसे सात दिन की ही जमानत दी है. इस दौरान वह केवल शादी के कार्यक्रमों में शामिल हो सकेगा.
दिल्ली हाईकोर्ट में नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई जारी
उमर खालिद और कार्यकर्ता शरजील इमाम की नियमित जमानत याचिकाओं पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. दोनों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज है. यह मामला 2020 के दंगों की कथित बड़ी साजिश से जुड़ा हुआ है. पुलिस का कहना है कि उमर खालिद ने अपने भाषणों में बाबरी मस्जिद, ट्रिपल तलाक, कश्मीर, मुसलमानों के कथित दमन और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) तथा राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) जैसे मुद्दों को उठाकर माहौल खराब करने की कोशिश की.
2020 दिल्ली दंगे.. 53 मौतें और सैकड़ों घायल
फरवरी 2020 में CAA और NRC के विरोध-प्रदर्शनों के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे. यह दंगे CAA समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प के बाद शुरू हुए थे. दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद पर हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा भड़काने, भीड़ इकट्ठा करने, राजद्रोह और आपराधिक साजिश जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस ने खालिद के खिलाफ UAPA के तहत पूरक चार्जशीट भी दाखिल की है.
अदालत में कई याचिकाएं हो चुकी हैं खारिज
पुलिस का कहना है कि दंगों के पीछे एक बड़ी साजिश थी, जिसमें उमर खालिद की भूमिका थी. दंगों के बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और स्पेशल ब्रांच ने उमर से पूछताछ की थी. उसका मोबाइल फोन भी जब्त किया गया था. 11 घंटे की पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था. उमर खालिद की इससे पहले भी कई जमानत याचिकाएं अदालत द्वारा खारिज की जा चुकी हैं. पुलिस का कहना है कि उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं, जबकि उमर का दावा है कि वह निर्दोष है और उसे राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है.
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