अपनी कुर्सी बचाने के लिए वह संविधान का शिकार करती रही है...
इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटा, कांग्रेस के मुंह संविधान संशोधन का खून लगा : प्रधानमंत्री
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान आपातकाल का जिक्र किया और कांग्रेस पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया. साथ ही कहा कि कांग्रेस के मुंह संविधान संशोधन का खून लग गया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. मैं इसलिए भी इस परिवार की चर्चा करता हूं कि मेरे 75 साल की इस यात्रा में 55 साल, एक ही परिवार ने राज किया है, इसलिए क्या-क्या हुआ है, देश को ये जानने का अधिकार है.
पीएम मोदी ने कहा, "पहले पंडित नेहरू का अपना संविधान चलता था और इसलिए उन्होंने वरिष्ठ महानुभावों की सलाह मानी नहीं. करीब 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया, जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री ने बोया था उस बीज को खाद-पानी देने का काम एक और प्रधानमंत्री ने किया, उनका नाम था इंदिरा गांधी. 1971 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया था, उस फैसले को संविधान बदलकर पलट दिया गया और 1971 में ये संविधान संशोधन किया गया था. उन्होंने हमारे देश की अदालत के पंख काट दिए थे.
1951 में बिना चुनी सरकार ने बदला संविधान : PM मोदी
उन्होंने कहा कि 1951 में चुनी हुई सरकार नहीं थी, तब भी ऑर्डिनेंस लाकर संविधान बदला गया. अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला किया गया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुंह में खून लग गया है, वह संविधान का शिकार करती रही है.
उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए देश में इमरजेंसी लगाई गई. आपातकाल में न्यायपालिका का गला घोंट दिया गया और हजारों लोगों को जेल भेजा गया.
संविधान की भावना को बलि चढ़ा दिया : PM मोदी
PM मोदी ने शाहबानो केस का जिक्र करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला को उसका हक दिया था. शाहबानो केस में संविधान की भावना को बलि चढ़ा दिया. राजीव गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया.
इस दौरान राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगली पीढ़ी भी इसी में लगी है. सरकार का मुखिया कैबिनेट नोट बनाता है तो उसे परिवार की अगली पीढ़ी ने फाड़ दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की. संविधान के महत्व को कम किया. कांग्रेस का इतिहास इसके अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा है.
कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का विरोध किया : PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का घोर विरोध किया है. इतिहास कह रहा है कि आरक्षण के विरोध में लंबी-लंबी चिट्ठियां स्वयं नेहरू जी ने लिखी है. मुख्यमंत्रियों को लिखी है. इतना ही नहीं सदन में आरक्षण के खिलाफ लंबे-लंबे भाषण इन लोगों ने किए हैं. बाबा साहेब अंबेडकर समता के लिए और भारत में संतुलित विकास के लिए आरक्षण को लेकर आए... लेकिन उन्होंने (कांग्रेस) इनके खिलाफ झंडा ऊंचा किया हुआ था. दशकों तक मंडल कमीशन की रिपोर्ट को डिब्बे में डाल दिया था. जब कांग्रेस को देश ने हटाया, जब कांग्रेस गई... तब जाकर ओबीसी को आरक्षण मिला... ये कांग्रेस का पाप है" उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने सत्ता सुख के लिए, सत्ता की भूख के लिए... अपनी वोट बैंक को खुश करने के लिए, धर्म के आधार पर आरक्षण का नया खेल खेला है, जो संविधान की भावना के खिलाफ है."
देश का सबसे बड़ा जुमला था 'गरीबी हटाओ' : PM मोदी
पीएम मोदी ने कांग्रेस के एक नारे को लेकर हमला बोला. पीएम मोदी ने कहा, हिंदुस्तान में कोई सबसे बड़ा जुमला था तो वो था गरीबी हटाओ, इससे उनकी (कांग्रेस की ) राजनीतिक रोटी तो सिकती थी, लेकिन गरीबी का हाल ठीक नहीं होता था
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