समारोह में ग्वालियर के संगीत ऐतिहासिक यात्रा को दिखाया गया ...
सांगीत सभा में ग्वालियर की तीनों नृत्य की शैलियों का दिखा वैभव !
ग्वालियर। भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान में ‘ग्वालियर का संगीतिक वैभव’’ गुरूवार की शाम 6 बजे आयोजित किया गया जिसका शुभारंभ यशवंत इंदापुरकर, पूर्व मंत्री मायासिंह, संत कृपालसिंह और कलेक्टर रूचिका चौहान ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम 2 घंटे तक चला जिसने श्रोताओं भाव विभोर कर दिया। इसका संचालन अतुल बधौलिया और पारूल दीक्षित ने किया। संगीत समारोह में ग्वालियर के संगीत ऐतिहासिक यात्रा को दिखाया गया है। जिसमें संगीत का गायन, वादन और नृत्य की तीनों शैलियों के इतिहास और उनके कलाकारों के योगदान को शुरूआत से लेकर वर्तमान तक के सफर को दिखाया गया है।
संगीत समारोह के सूत्रद्वार द्वारा बताया गया है कि उस कला का मंच से युवा कलाकरों द्वारा संगीत के साथ प्रदर्शन भी किया गया और उससे जुड़े स्थलों और कलाकारों को बड़े पर्दे पर भी दिखाया गया है। संगीत कार्यक्रम की संकल्पना, संयोजन और निर्देशन राजामान सिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्य़ालय की कुलगुरू प्रो. स्मिता सहस्त्रबुद्धे द्वारा गया था।
देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित शास्त्रीय संगीत महोत्सव है “तानसेन समारोह”
तानसेन समारोह के कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। साथ ही संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि समारोह में अधिकाधिक संगीत रसिक पहुँचें। इसके लिये समारोह की तिथियों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए।भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन समारोह” संगीत की नगरी ग्वालियर में इस साल 15 से 19 दिसम्बर तक आयोजित होगा। यह सालाना समारोह भारतीय संगीत की अनादि परंपरा के श्रेष्ठ कला मनीषी संगीत सम्राट तानसेन को श्रद्धांजलि व स्वरांजलि देने के लिये पिछले 99 साल से आयोजित हो रहा है। इस साल समारोह का शताब्दी वर्ष है।
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