नोटिस जारी 4 सप्ताह में प्रमुख सचिव से हाईकोर्ट ने मांगा जवाब...
परिवहन विभाग में खली पदों पर भर्ती नहीं होने पर हाईकोर्ट में लगाई याचिका !
जबलपुर। मध्यप्रदेश के परिवहन विभाग में लम्बे समय से भर्ती नहीं की गयी है जिसके चलते विभाग में लगातार कर्मचारियों का अभाव हो रहा है। इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है। भर्तियां नहीं होने को लेकर परिवहन विभाग से सेवानिवृत्त जबलपुर निवासी कर्मचारी रामखेलावन पटेल की ओर से जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है। ऐसा बताया गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2013 में क्षेत्रीय परिहव 20 सब इंस्पेक्टर पदों में नियुक्ति के लिये विज्ञापन जारी किया गया और बाद में उसे निरस्त कर दिया गया। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
कर्मचारी रामखेलावन ने की लगाई याचिका
याचिकाकर्त्ता जबलपुर निवासी रामखेलावन पटेल की और दायर की गयी याचिका में एडवोकेट आशीष रावत ने हाईकोर्ट को बताया है कि राज्य सरकार के द्वारा वर्ष 2013 में क्षेत्रीय परिवहन सब इंस्पेक्टर 20 पदों में नियुक्ति के लिये विज्ञापन जारी किया गया था। इन पदों को विभागीय पदोन्नति के आधार पर भरा जाना था। ग्रेड-3 कर्मचारियों की परीक्षा में शामिल हो सकते थे। विज्ञापन जारी होने के बाद भी उसे निरस्त कर दिया गया।
एक दशक से नहीं हुई भर्ती
याचिकाकर्त्ता ने जनहित याचिका में हाईकोर्ट को बताया है कि मध्यप्रदेश परिवहन विभाग में क्षेत्रीय परिवहन सब इंस्पेक्टर की भर्ती विगत एक दशक से नहीं की गयी है। जिसकी वजह से ना सिर्फ बिना परमिट अवैध बसों का खुले आम संचालन हो रहा है। बल्कि प्रदेश में लगातार एक्सीडेंट की घटनाओं बढ़ोत्तरी हो रही है। हाईकोर्ट जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
इसके बाद 2015 में पुनः इन पदों में नियुक्ति के लिये विज्ञापन जारी किया गया था जिसे पुनः निरस्त कर दिया गया। परिवहन विभाग में सब इंस्पेक्टर के 20 पद खाली पड़े है। इसके बावजूद भी एक दशक से अधिक वक्त निकल जाने के बावजूद भी भर्ती के लिये सरकार ने कोई प्रयास नहीं किया है। वर्ष 2015 के बाद इन पदों में भर्ती के लिये कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया है।
परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव को बनाया गया अनावेदक
याचिका में कहा गया था कि सब इंस्पेक्टर की नियुक्ति नहीं होने की वजह से अवैध रूप से वाहन सड़कों पर दौड़ रहे है। अवैध वाहन संचालन की वजह से राज्य में कई बड़ी दुघटना घटित हुई है। जिससे कई लोगों की मौत हुई है। याचिका में परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त, सहायक आयुक्त और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को अनावेदक बनाया गया था। जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की बेंच ने सुनवाई के बाद नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।
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