G News 24 : जीवन को सुखी बनाना चाहते हो तो अपने सोच के स्तर को बदलिए : माँ पूर्णमति

 मुरार दिगंबर जैन मंदिर में आर्यिका श्री विपुलमति माताजी के भी हुए दिव्य प्रवचन...

जीवन को सुखी बनाना चाहते हो तो अपने सोच के स्तर को बदलिए : माँ पूर्णमति

ग्वालियर। आचार्य विद्यासागर महाराज की परम शिष्या आर्यिकारत्न 105 पूर्णमति माताजी ने आज सोमवार को मुरार दिगंबर जैन मंदिर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि जीवन को सुखी बनाना चाहते हो तो अपने सोच के स्तर को बदलिए। संसार में जो लोग जीते हैं, उनमें तीन तरीके की सोच हुआ करती है, जो कि भौतिक सोच, व्यवहारिक सोच और आध्यात्मिक सोच हैं। इस अवसर पर आर्यिका श्री विपुलमति माताजी के भी दिव्य प्रवचन हुए। 

  ग्वालियर जैन समाज के मीडिया प्रभारी ललित जैन ने बताया कि माँ श्री पूर्णमति ने श्रावकों के ज्ञानचक्षु खोलते हुए कहा कि संसार में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनका एक ही मकसद हो गया है, जितना बने मौज करो। उनको जीवन की मौज नशे में दिखती है आधुनिकता में दिखती है बाहरी चमक दमक में दिखती है। लेकिन यह भूल जाते हैं कि यह जीवन का असली मजा नहीं है अपितु यह तो जीवन को बहलाने के मात्र साधन है। उन्होंने कहा कि आज देखा जाए तो भौतिक जगत में पश्चिमी लोगों ने जितना विकास किया है, हम पूर्व के लोग अभी बहुत पीछे हैं। वे भौतिकता के चरम पर पहुंचे हैं, लेकिन जब उनके जीवन में झांक कर देखा जाता है तो यह बात समझ में आती है कि भौतिकता मनुष्य को सुखी नहीं बना सकती। उन्होंने कहा कि जीवन में जितना अधिक तनाव, चिंता, कुंठा, हताशा और दुराशा पश्चिमी देशों में है, उतनी पूर्व के देशों में नहीं है।

धर्मपथ से विचलित न हों...

  माँ पूर्णमति ने कहा कि लोग धर्मपथ से विचलित न हों। ज्ञान, ध्यान अर्जित करें। पीड़ित मानवता की सेवा के लिए स्वयं को समर्पित करें और उनके कष्ट निवारण के लिए तत्पर रहे, यही धर्म है। धर्मसभा के आरंभ में विधि विधान के साथ मुरार जैन मन्दिर में भगवान का अभिषेक, शांतिधारा, पूजन व गुरुभक्ति की गई। इस अवसर पर मुरार मन्दिर कमेटी के अध्यक्ष महावीर जैन, सचिव पंकज जैन, नवीन जैन, एमके जैन, विजय जैन, गौरव जैन आदि उपस्थित थे।

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