शिवराज सिंह चौहान फिर से मुख्यमंत्री बने तो सिंधिया जी ने दबाव डालकर बोर्ड भंग करवा दिया ...
सिंधिया की तरफ से गोविंद सिंह को परिवहन व राजस्व विभाग देने का दबाव क्यों था :दिग्विजय सिंह
भोपाल। कमलनाथ सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ से गोविंद सिंह राजपूत को परिवहन और राजस्व विभाग देने का दबाव था। इन विभागों को लेकर इतना दबाव क्यों बनाया गया यह तो सिंधिया जी ही बता सकते है। ये आरोप पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने लगाया है। उन्होंने आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के यहां हुई छापेमारी में मिले कैश, गोल्ड और अन्य संपत्तियों को लेक्यों कर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने इस केस से लोकायुक्त को हटाए जाने की मांग की है।
दिग्विजय सिंह ने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय बोर्ड बनाया गया था। जब कमलनाथ की सरकार बनी थी तब उन पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ से दबाव था कि परिवहन और राजस्व विभाग गोविंद सिंह राजपूत को दिया जाए, इसके बाद हमारी सरकार ने एक बोर्ड का गठन किया था जो यह फैसला करता था कि कहां किसकी पोस्टिंग होगी।
मुझे जानकारी है कि जब शिवराज सिंह चौहान फिर से मुख्यमंत्री बने तो सिंधिया जी ने दबाव डालकर बोर्ड भंग करवा दिया। परिवहन विभाग गोविंद सिंह राजपूत को फिर सौंप दिया गया। इसके बाद एक नई प्रक्रिया शुरू हो गई। वसूली करने वाले व्यक्ति यानी कटर की नियुक्ति होने लगी।
सौरभ शर्मा नाकों पर वसूली करता था दिग्विजय ने कहा कि सौरभ शर्मा को कटर बताते हुए कहा कि वह टोल नाकों पर वसूली करता था। उसके साथ संजय श्रीवास्तव, वीरेश तुमरात और दशरथ सिंह पटेल नाकों की नीलामी करके वसूली करते थे। वसूली का पैसा कहां जाता था, इसकी जांच अगर इनकम टैक्स अथॉरिटी करे तो मनी ट्रेल का पता चल जाएगा। मनी ट्रेल का पता लगते ही प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में गिरफ्तारी होनी चाहिए।
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