अर्थव्यवस्था को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने वाले डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन !
नहीं रहे पूर्व PM मनमोहन सिंह !अंतिम दर्शन शामिल होने उनके आवास जाएंगे पीएम मोदी, शाह !
नई दिल्ली। 26 दिसंबर की रात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली. साल 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह को आर्थिक उदारीकरण के जनक के रूप में जाना जाता है. 1991 में जब मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के तौर पर अपना कार्यभार संभाला तो देश गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा था. देश के खजाने में महज 89 करोड़ डॉलर की विदेशी मुद्रा रह गई थी. इससे केवल दो हफ्ते का आयात का खर्च चल सकता था. ऐसे समय में वित्त मंत्रालय की बागडोर संभालने वाले मनमोहन सिंह ने अपने फैसलों से आर्थिक मोर्चे पर देश को मजबूत किया.
काफी उम्मीद के साथ सौंपी थी वित्त मंत्रालय की कमान
तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने देश के कठिन आर्थिक परिस्थिति में होने के दौरान काफी उम्मीद के साथ मनमोहन सिंह को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी. इंदिरा गांधी के प्रधान सचिव रहे पीसी अलेक्जेंडर के कहने पर नरसिम्हा राव ने मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बनाया था. जिस समय देश के पास 89 करोड़ डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा तो उन्हें कई कठोर फैसले लेने पड़े. उस दौर में देश को अपने आयात का खर्च पूरा करने के लिए अपना सोना विदेश में गिरवी रखना पड़ा था. उस दौर में डॉ. सिंह ने वित्त मंत्री के अपने कार्यकाल के दौरान 1991 में आर्थिक उदारीकरण को शुरू किया और मुश्किल में फंसी अर्थव्यवस्था को बाहर निकालने में कामयाब हुए.
इकोनॉमी को मजबूती देने के लिए कई कदम उठाए
वित्त मंत्री के रूप में आर्थिक सुधारों को शुरू करने वाले मनमोहन सिंह ने इकोनॉमी को मजबूती देने के लिए कई कदम उठाए. उन्होंने सरकारी कंट्रोल को कम करने, एफडीआई (FDI) को बढ़ावा देने समेत कई फैसले लागू किये. देश की इकोनॉमी को ग्लोबल मार्केट के लिए खोल दिया गया. लाइसेंस राज खत्म करने और मनरेगा व आधार जैसे अहम बदलाव में प्रधानमंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह का अहम योगदान रहा. 1991 में देश का विदेशी कर्ज 35 अरब डॉलर से बढ़कर दोगुना 69 अरब डॉलर हो गया था. उस समय आपातकालीन उपाय के तौर पर आरबीआई ने बैंक ऑफ इंग्लैंड के पास सोना गिरवी रखकर 400 मिलियन डॉलर जुटाए.
आर्थिक उदारीकरण का जनक कहा गया
इसके बाद मनमोहन सिंह ने इंडियन इकोनॉमी के सुधार की एक सीरीज शुरू की. मनमोहन सिंह के इन सुधारों के दम पर देश आर्थिक संकट से बाहर निकलने में कामयाब रहा. वित्तीय संकट से गुजरने के लिए जुलाई 1991 के बजट में भारतीय बाजार को विदेशी कंपनियों के लिए खोल दिया गया. उनके इस कदम का असर कुछ ही महीने में दिखाई देने लगा. दिसंबर 1991 में भारत सरकार ने विदेशों में रखे गिरवी सोने को छुड़वाकर आरबीआई को सौंप दिया. इसी कारण मनमोहन सिंह को देश में आर्थिक उदारीकरण का जनक कहा जाता है.
पहले बजट भाषण में क्या कहा !
24 जुलाई 1991 को बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह ने कहा था, 'विक्टर ह्यूगो ने कहा था कि जिस बात का वक्त आ गया, समझो उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती. दुनिया में भारत का एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभरना ऐसा ही विचार है. पूरी दुनिया साफ-साफ सुन ले, भारत अब जाग गया है. हम इस हालात से उबरेंगे, हम जीतेंगे.' उन्होंने भारत को दुनिया के बाजार के लिए खोलने के साथ ही निर्यात और आयात के नियमों को भी आसान किया. देश में लाइसेंस राज खत्म करने का क्रेडिट भी उन्हें ही जाता है. प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने ही मनरेगा और आधार कार्ड की शुरुआत की.
राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाया गया
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया. पूर्व प्रधानमंत्री का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया. भारत सरकार ने आज के लिए निर्धारित सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है. डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने पहुंचे अमित शाह
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने अमित शाह पहुंच चुके हैं. PM मोदी भी उन्हें श्रद्धांजलि देने जा सकते हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के आवास पहुंचे हुए हैं.
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने व्यक्त की सवेंदना
मनमोहन सिंह के निधन पर RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, "भारत के पूर्व प्रधानमंत्री तथा देश के वरिष्ठ नेता डा. सरदार मनमोहन सिंह के निधन से समूचा देश अतीव दुःख का अनुभव कर रहा है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उनके परिवार तथा असंख्य प्रियजनों को गहरी संवेदना व्यक्त करता है. डॉ. मनमोहन सिंह ने सामान्य पृष्ठभूमि से आकर भी देश के सर्वोच्च पद को सुशोभित किया. सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. सिंह का भारत के प्रति योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा. हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करे.
शशि थरूर ने जताया दुख
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, "यह बहुत दुखद है. वह एक महान प्रधानमंत्री थे जिन्होंने देश की सेवा की. हम अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर रहे हैं और दिल्ली वापस जा रहे हैं.
लगावी से वापस लौटे मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी
कर्नाटक के बेलगावी से लौटे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के आवास पहुंचे और उनके परिवार से मुलाकात की.
रद्द किए गए सभी सरकारी कार्यक्रम
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर आज होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए है. साथ ही 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है. वहीं आज सुबह 11 बजे कैबिनेट की बैठक होगी.जिसमें मनमोहन सिंह के श्रद्धांजलि दी जाएगी.
उनका जाना क्षति है: संदीप दीक्षित
मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि मैं कई मौके पर उनसे मिलता रहा हूं. आज मैं उन्हें सांत्वना देने आया हूं. उनका जाना क्षति है. उन्होंने आगे कहा कि कल उनका अंतिम संस्कार हो सकता है. फिलहाल परिवार ने अभी यह तय नहीं किया है.
अमेरिका ने जताया शोक
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकेन ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर संवेदना व्यक्त की. यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट द्वारा जारी किए गए बयान में उन्होंने कहा,"संयुक्त राज्य अमेरिका पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर भारत के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता है. डॉ. मनमोहन सिंह अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के सबसे बड़े समर्थकों में से एक थे. उनके द्वारा किए गए काम ने पिछले दो दशकों में हमारे देशों द्वारा मिलकर हासिल की गई अधिकांश उपलब्धियों की नींव रखी थी. अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को आगे बढ़ाने में उन्होंने योगदान दिया था. डॉ. मनमोहन सिंह को उनके आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाएगा, जिन्होंने भारत के तेज आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया. हम डॉ. सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं. हम संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत को करीब लाने के लिए उनके समर्पण को सदैव याद रखेंगे.
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