DC ने विवाद के बाद मंदिर समिति के मुख्य प्रबंधक से छीने अधिकार...
झारखंड में INDI गठबंधन की सरकार बनते ही देवघर मंदिर में शिवलिंग का बदल दिया स्वरूप
झारखंड। मंदिर प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे लोगों ने शनिवार 7 दिसंबर 2024 को मंदिर के गर्भगृह में विशेष सफाई की बात कहकर दोपहर तीन बजे मंदिर का पट बंद कर दिया गया था। उसके बाद मंदिर का पट श्रृंगार पूजा के दौरान खोला गया और पूजा की गई। जब दोबारा रविवार को मंदिर का पट खोला गया तो शिवलिंग के ऊपर सीमेंट जैसी चीज लगी थी।
देवघर स्थित बाबा बैजनाथ मंदिर का शिवलिंग
झारखंड में INDI गठबंधन की सरकार बनते ही देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर के शिवलिंग और अरघा का स्वरूप बदलने की कोशिश की गई। शिवलिंग और अरघे पर सीमेंट जैसा कुछ लेप लगाने के बाद विवाद हो गया है। इसके बाद देवघर के कलेक्टर ने एक्शन लेते लेते हुए मंदिर के मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार छीन लिए हैं। वहीं, मंदिर के कर्मचारी हरिलाल पांडे को निलंबित कर दिया है।
गोड्डा से भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने शिवलिंग की तस्वीर को साझा करते हुए सोशल मीडिया X पर लिखा, “द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा बैद्यनाथ तथा 51 शक्तिपीठों में से एक ह्रदय पीठ देवघर में झारखंड सरकार का यह अनर्थ, शिवलिंग पर सीमेंट धार्मिक आस्था पर कॉन्ग्रेस सरकार का सीधा प्रहार है। भगवान शिव के घर में अनर्थ। बाबा न्याय करेंगे।
घटना का संज्ञान लेते हुए देवघर के उपायुक्त ने रविवार (8 दिसंबर 2024) को मंदिर प्रभारी देवघर के एसडीओ को जाँच करके 24 घंटे में रिपोर्ट देने के लिए कहा था। एसडीओ ने सोमवार (9 दिसंबर 2024) को मंदिर पहुँचकर जाँच की। इस दौरान उन्होंने गर्भगृह में हुए कार्य का सीसीटीवी फुटेज देखा। इसके आधार पर रिपोर्ट तैयार करके जिलाधिकारी को सौंप दिया।
देवघर के जिलाधिकारी ने कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया X पर किए गए अपने पोस्ट में लिखा, “सोशल मीडिया के माध्यम से बाबा मंदिर के गर्भगृह में किए गए कार्यों से जुड़े मामले को संज्ञान लेते हुए मंदिर प्रभारी को जाँच कर प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया है। साथ ही अपने कार्य के प्रति लापरवाही बरतने वालो कर्मियों पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।”
दरअसल, शनिवार (7 दिसंबर 2024) को मंदिर के गर्भगृह में विशेष सफाई की बात कहकर दोपहर तीन बजे मंदिर का पट बंद कर दिया गया था। उसके बाद मंदिर का पट श्रृंगार पूजा के दौरान खोला गया और पूजा की गई। जब दोबारा रविवार को मंदिर का पट खोला गया तो शिवलिंग के ऊपर सीमेंट जैसी चीज लगी थी।
आरोप है कि बैजनाथ धाम मंदिर के गर्भगृह को सफाई के नाम पर बंद करके शिवलिंग पर ‘सीमेंट’ जैसी चीज का लेप लगाया। इसके साथ ही गर्भगृह में टूटे हुए टाइल्स को बदला गया था। मंदिर के पुजारियों का कहना है कि कोर्ट के निर्देश पर मंदिरों के गर्भगृह में किसी तरह का काम करने से पहले मंदिर प्रशासन को पुरोहित समाज तथा सरदार पंडा की स्वीकृति लेना अनिवार्य है। हालाँकि, उनसे स्वीकृति नहीं ली गई।
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