गुकेश को विजेता बनने पर भारतीय मुद्रा में करीब 11 करोड़ रुपये इनाम के रूप में मिले हैं...
डी गुकेश ने 138 साल के इतिहास में शतरंज में सबसे युवा चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया !
दिल्ली। गुरूवार का दिन भारतीय खेल इतिहास के सबसे सुनहरों पन्रों में दर्ज हो गया. भारतीय शतरंज युवा सनसनी डी. गुकेश (D. Gukesh) ने सिंगापुर में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को विश्व चैंपियनशिप की 14वीं बाजी में मात देकर खेल के करीब 138 साल के इतिहास में सबसे युवा चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया. बुधवार से ही देश के तमाम करोड़ों खेलप्रेमियों की नजरें इस बाजी का बेसब्री से इंतजार कर रही थीं. एक दिन पहले ही जब दोनों ही खिलाड़ियों के बीच 13वीं बाजी के बाद स्कोर 6.5-6.5 से बराबर रहा था, तो इस खिताबी जंग ने रोमांच का एक नया स्तर हासिल कर लिया. इसके बाद आम से लेकर खास तक सभी 18 साल के गुकेश के विश्व चैंपियन बनने की दुआ कर रहे थे. और वीरवार को गुकेश ने प्रतिद्वंद्वी को 7.5-6.5 के अंतर से मात देते हुए खेलों के इतिहास में सबसे युवा चैंपियन बनने की बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली.
गुकेश को मिली इतनी इनामी रकम
निश्चित तौर पर गुकेश की सफलता को किसी भी इनामी रकम से नहीं आंका जा सकता क्योंकि सबसे युवा विश्व चैंपियन के रूप में मिलने वाली यह रकम हाल ही में आईपीएल नीलामी में बिके ऋषभ पंत से आधे से भी कम है, लेकिन यह एक ऐसी बड़ी उपलब्धि है, जो यहां से इस खेल को देश के युवाओं के बीच और लोकप्रिय बनाएगा. बहरहाल, विश्व चैंपियन बनने पर गुकेश को 13,00000 लाख अमेरिकी डॉलर इनाम के रूप में मिले. मतलब गुकेश को भारतीय मुद्रा में करीब 11 करोड़ रुपये इनाम के रूप में मिले हैं.
कुल इतनी है चैंपियन की नेटवर्थ=(कुल संपत्ति-कुल देनदारी)
डी. गुकेश की उम्र अभी बहुत ही कम है. वह सिर्फ 18 साल के हैं, लेकिन इतनी कम उम्र में वह करोड़पति खिताब जीतने से पहले ही हो चुके थे. खिताब जीतने से पहले उनकी कुल नेटवर्थ=(कुल संपत्ति-कुल देनदारी) करीब 8.26 करोड़ रुपये थी, जो विश्व चैंपियन बनने के बाद बीस करोड़ के पार चली गई है. गुकेश की आय का मुख्य जरिया टूर्नामेंटों की प्राइज मनी और विज्ञापनों से होने वाली कमाई है.
करियर की कुछ बड़ी उपलब्धियां
गुकेश ने बहुत ही कम उम्र में यह साबित कर दिया था कि वह भविष्य के बड़े खिलाड़ी हैं. और इस पर उन्होंने वीरवार को मुहर भी लगा दी. चलिए आप गुकेश के करियर की कुछ बड़ी उपलब्धियों के बारे में जान लें:
- 2024: विश्व शतरंज चैंपियन (सबसे युवा), पेरिस कैंडिडेट्स टूर्नामेंट विजेता (सबसे युवा)
- 2023 फिडे सर्किट: दूसरा स्थान हासिल किया, कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया
- 2022 चेस ओलंपियाड: पहले बोर्ड में स्वर्ण पदक, टीम ने तीसरा स्थान हासिल किया
- 2022: ऐमचेस रैपिड: मैगनस कार्लसेन के विश्व चैंपियन बनने के बाद उन्हें हराने वाले सबसे युवा खिलाड़ी
- 2021: जूलियस बेयर चैलेंजर्स चेस टूर: विजेता बने
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- 2018 वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप: विनर (अंडर-12 कैटेगिरी)
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