अफीम पट्टे के नामांतरण के बदले मांगे एक लाख...
नारकोटिक्स के एसआई को CBI ने किया गिरफ्तार
भोपाल। सीबीआई की टीम ने मंदसौर केंद्रीय नारकोटिक्स कार्यालय में छापामार कार्यवाही कर किसान के अफीम पट्टे का नामांतरण करने के मामले में एक एसआई को 1 लाख रुपए से अधिक की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। मंदसौर के केंद्रीय नारकोटिक्स कार्यालय में शुक्रवार दोपहर भोपाल से सीबीआई की टीम पहुंची यहां जिले के ग्राम धमनार निवासी किसान बद्रीलाल धाकड़ के अफीम पट्टे का नामांतरण करने के एवज में 1 लाख रुपए से अधिक की रिश्वत लेते हुए टिम ने नारकोटिक्स कार्यालय खंड 4 में पदस्थ एसआई अभिषेक अग्निहोत्री को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि एसआई ने कार्यालय में पदस्थ किसी कर्मचारी को किसान से रिश्वत लेने भेजा था।
सीबीआई ने जब कर्मचारी को पकड़ा तो उसने बताया कि उसने यह रिश्वत की रकम एसआई अभिषेक अग्निहोत्री के लिए ली थी। सीबीआई की टीम एसआई को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ कर रही है। सीबीआई की कार्यवाही खबर लिखे जाने तक जारी थी। बताया जा रहा है कि आरोपी एसआई अभिषेक अग्निहोत्री जिस खंड 4 में पदस्थ है उसके अधिकारी पर भी पूर्व में रिश्वतखोरी के आरोप लग चुके है। फरियादी किसान बद्रीलाल धाकड़ ने बताया कि उनके पिता निर्भयराम धाकड़ के नाम पुश्तैनी अफीम पट्टा था। जिसे 1995-96 में जमा करवा दिया गया था। इस बार केंद्र सरकार ने वर्ष 1995-96 के पट्टे फिर से जारी किए हैं। ऐसे में किसान बद्रीलाल धाकड़ अपने पिता के नाम के अफीम लाइसेंस को अपने नाम से नामांतरण करवाना चाहता था।
जिसको लेकर वह नारकोटिक्स कार्यालय पहुंचा तो वहां किसान से नारकोटिक्स विभाग में पदस्थ सब इंस्पेक्टर अभिषेक अग्निहोत्री रुपए की मांग कर रहा था। जिसकी शिकायत किसान बद्रीलाल धाकड़ ने भोपाल सीबीआई को की थी। जिला नारकोटिक्स विभाग पर किसान कई बार अफीम पट्टे के नामांतरण, अफीम की ग्रेड आदि को लेकर रिश्वत का आरोप लगाते रहे है। 21 नवंबर को कांग्रेस नेता व जिलापंचायत सदस्य दीपक सिंह गुर्जर के नेतृत्व में अफीम किसान गांधी चौराहे पर एकत्रित होकर नारकोटिक्स कार्यालय पहुंचे थे यहां नारकोटिक्स अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में उल्लेख किया गया था कि नामांतरण व अफीम ग्रेड को लेकर अधिकारियों द्वारा मुखिया के माध्यम से या सीधे किसान से रिश्वत की मांग की जा रही है जिसे रोका जाए वरना उग्र आंदोलन किया जाएगा।
किसानों द्वारा नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों द्वारा कीजा रही अवैध वसूली के खिलाफ क्षेत्र के सांसद सुधीर गुप्ता को शिकायत की थी जिसके बाद सांसद सुधीर गुप्ता ने 21 नवंबर को नारकोटिक्स आयुक्त ग्वालियर को एक पत्र लिखा था। पत्र में उल्लेख किया गया था कि अफीम बुवाई का समय चल रहा है ऐसे में लाइसेंस जारी करने की जो प्रक्रिया है उसे विभाग द्वारा जल्द पूरी की जाए और शीघ्र अफीम काश्तकारों को लाइसेंस दिया जाए, ताकि वह समय पर उक्त फसल की बुवाई कर सके। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अफीम लाइसेंस की प्रक्रिया के दौरान किसी भी किसान से लेनदेन की शिकायत प्राप्त होने पर पुलिस कार्रवाई या सख्त कार्रवाई करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सरकार अफीम किसानों को पूरी पारदर्शिता और सरलता के साथ अफीम लाइसेंस जारी करने की नियमावली से कार्य कर रही है तो उसका समुचित लाभ उचित समय पर अफीम किसानों को मिलना चाहिए।
उन्होंने पत्र के माध्यम से नारकोटिक्स आयुक्त ग्वालियर को लिखा कि अफीम लाइसेंस प्रक्रिया के दौरान समूचित प्रक्रिया पारदर्शी होना आवश्यक है। साथ ही उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के हित में लगातार कार्य कर रही है तो उसका लाभ विभाग के जरिए तुरंत किसान भाइयों को मिलना चाहिए। गौरतलब है कि मंदसौर जिला अफीम उत्पादक जिला है यहां बड़ी मात्रा में अफीम की खेती की जाती है। किसान भी अफीम पट्टो को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करते है। फिर मुखिया के माध्यम से हो या सीधे लेनदेन कर अपने अफीम पट्टे को बचाने का प्रयास करते है। इन सब में गांव के मुखिया की प्रमुख भूमिका होती है। जिस किसान के पास अफीम का पट्टा होता है समाज में उसको प्रतिष्ठित व्यक्ति के रूप में देखा जाता है।
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