वीपी सिंह, चन्द्रशेखर व अब मोदी को भी पत्र लिखे...
लालबहादुर शास्त्री जी की मौत का रहस्य उजागर हो: सुनील शास्त्री
ग्वालियर। पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के पुत्र व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुनील शास्त्री ने कहा है कि उनके पिता व पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की रहस्यमयी मौत से अब पर्दा उठना चाहिये। उन्होंने ग्वालियर में पत्रकारों से चर्चा में कहा कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों व अब वर्तमान के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी इस संदर्भ में पत्र लिखे है। लेकिन खेद की बात है कि उनके पिता की मौत का रहस्य उजागर नहीं हो सका है।
कांग्रेस नेता व पूर्व केबिनेट मंत्री सुनील शास्त्री ने कहा कि उनके पिता प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की असमायिक मौत पर से रहस्य उठना चाहिये । कुछ लोगों ने उनसे मिलकर कहा भी था। इस बाबत उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह से लेकर चन्द्रशेखर व अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी पत्र लिखा था, लेकिन अभी तक कोई जबाब या जानकारी नहीं मिली है। सुनील शास्त्री ने कहा कि उनके पिता देश के लाडले सपूत थे और हर देशवासी उन्हें प्यार करता था।सुनील शास्त्री ने कहा कि आज की परिस्थिति में देश में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के द्वारा दिये गये नारे जय जवान-जय किसान के साथ अब नया नारा जय इंसान भी साथ होना चाहिये।ऐसा वह संकल्प ले रहे हैं। उन्होंने ग्वालिययर में सम्यक अभियान द्वारा यहां आयोजित कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 107 वीं जयंती पर यह नारा दिया।
ग्वालियर में वरिष्ठ नेता सुनील शास्त्री ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि ग्वालियर से सम्यक अभियान की जो शानदार शुरूआत हुई है यह पूरे देश में फैलेगी और उन्हें जहां भी बुलाया जाएगा वह स्वयं उसी जिले में जाकर सम्यक अभियान के इस कार्यक्रम को गति प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि आज देश को एकजुट करने की बहुत जरूरत है। इसलिए वह सम्यक अभियान से जुडकर वह देश को एकजुट करने के लिए जो भी प्रयास होंगे उसे करेंगें| उन्होंने कहा कि लोगों को एक दूसरे से मोहब्बत करना चाहिये , सभी से भाईचारा बनाये रखना चाहिये।
25 जून को संविधान हत्या दिवस राजपत्र में घोषित किये जाने को लेकर पूछे एक प्रश्न के उत्तर में वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुनील शास्त्री ने कहा कि हां गांधी वादी चिंतक भास्कर राव रोकडे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने यह भी कहा है कि यदि संविधान की हत्या हो गई और संविधान अस्तित्व में नहीं था तो 25 जून 1975 के बाद से जितने भी फैसले हुये वह शून्य कर देना चाहिये। वहीं कोई अन्य संविधान क्या किसी ने बनाया । या कोई प्रारूप तैयार किया। ऐसा नहीं होने पर क्या माना जाए। उन्होंने कहा कि क्या बहुमत की सरकार नहीं आने से संविधान नहीं पलट सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इस मुददे पर देश से माफी मांगना चाहिये। जातिगत आरक्षण का समर्थन करते हुये उन्होने पूछे एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि कांग्रेस द्वारा ओबीसी के लिए जातिगत जनगणना कराना सही है। यह उनका अधिकार है।
वहीं बंटेंगे तो कटेंगे नारे के बारे में पूछे प्रश्न के जबाब में सुनील शास्त्री ने कहा कि यह नारा दुर्भाग्यपूर्ण है। जिसने भी यह नारा दिया उसकी छोटी सोच है। इसे आरएसएस के मोहन भागवत ने भी सही ठहराया। उन्होंने कहा कि अब लोगों में जाग्रति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब देश को यदि मजबूत नहीं किया तो अब देश को फिर से बांटेंगे।
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