6 दिसंबर को नेपाल में ससुराल वाले पुष्पवर्षा से दामाद का स्वागत करेंगे. ..
भगवान श्रीराम का चढ़ा तिलक,चंपत राय ने दूल्हे के पिता की भूमिका निभाई !
अयोध्या में भगवान श्रीराम का सोमवार (18 नवंबर) को तिलक चढ़ा. नेपाल से 501 तिलकहरू तिलक चढ़ाने अयोध्या पहुंचे. जनकपुर से मां जानकी मंदिर से तिलकहरू अयोध्या आए. दुल्हे के पिता की भूमिका श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने निभाई. दुल्हन के भाई जानकी मंदिर के छोटे महंत राम रोशन दास बने. तिलक चढ़ने के दौरान महिलाओं ने मंगलगीत गाए. अवध क्षेत्र में होने वाले तिलकोत्सव की पंरपराओं को निभाया गया.
श्रीराम को सोने की चेन चढ़ाया
तिलक समारोह में जनकपुरवासी नेग में श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के लिए सर्दी और गर्मी के वस्त्र लाए थे. पीतल और फूल के बर्तन लाए थे. 11 प्रकार के मौसमी फल, मेवे और नेपाल की प्रमुख मिठाइयां लेकर आए थे. भगवान श्रीराम को सोने की चेन, चांदी की मटर माला, चांदी की सुपारी और पान के पत्ते भेंट में लाए थे.
तिलक चढ़ाने वालों में जनकरपुर के मेयर मनोज साह सहित लगभग 300 लोग शामिल हुए. अयोध में वर पक्ष से विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज व्यवस्था में रहे. वर पक्ष से आयोध्या के मेयर और वधू पक्ष से जनकपुर से आए मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल हुए. अयोध्या में तिलकहरूओं के लिए भोजन में आलू टिक्की, पापड़ी चाट, छोले, चावल, रायता, हलवा, पापड़, सब्जी पूड़ी सहित कई स्वादिष्ट पकवान बनवाए गए थे.
महिलाओं ने तिलक उत्सव का गीत गाया
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने राम के पिता की भूमिका निभाई. महिलाओं ने तिलक उत्सव का गीत गाया. श्रीराम का तिलक उत्सव वैदिक विद्वानों ने वैदिक मंत्र के बीच हुआ.
6 दिसंबर को प्रभु श्रीराम का होगा विवाह
भगवान श्रीराम 6 दिसंबर को बरात लेकर जनकपुर के रंगभूमि मैदान पहुंचेंगे. पालकी में प्रभु श्रीराम की सोने की मूर्ति होगी. मान्यता है कि भगवान श्रीराम और सीता का यहीं स्वयंवर हुआ था. यहा निमंत्रण पत्र आरती उतारने के साथ ससुराल वाले पुष्पवर्षा से दामाद का स्वागत करेंगे. पालकी नगर परिक्रमा के बाद राम जानकी मंदिर पहुंचेगी. वहां रीति-रिवाज के साथ श्रीराम-सीता का विवाह होगा. नगर परिक्रमा में लाखों लोगों की भीड़ साथ-साथ चलेगी.
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