सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला ...
सरकार ले सकती है निजी संपत्ति,निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति का दर्जा मिल सकता है !
सरकार को निजी संपत्ति का अधिग्रहण कर उसका दोबारा वितरण करने का अधिकार है? सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की संविधान पीठ ने मंगलवार (5 नवंबर) को इस पर फैसला सुना दिया. संविधान पीठ ने इस साल 1 मई को सुनवाई के बाद निजी संपत्ति मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
कोर्ट को तय कर दिया कि क्या संविधान के अनुच्छेद 39(बी) के प्रावधानों को मुताबिक निजी संपत्ति को भी सामुदायिक संपत्ति माना जा सकता है और जनहित के लिए उसका वितरण हो सकता है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ बहुमत का फैसला पढ़ रहे हैं. सीजेआई ने फैसला सुनाते हुए कहा कि नीति निदेशक सिद्धांतों के मुताबिक बने कानूनों की रक्षा करने वाला संविधान का अनुच्छेद 31 (सी) सही है.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ''अब हम 39 (बी) पर बात करेंगे. 39 (बी) सामुदायिक संपत्ति के सार्वजनिक हित में वितरण की बात करता है. सभी निजी संपत्तियों को सामुदायिक संपत्ति की तरह नहीं देखा जा सकता है. इस बारे में आए कुछ पुराने फैसले एक खास आर्थिक विचारधारा से प्रभावित थे.''
सीजेआई ने कहा कि आज के आर्थिक ढांचे में निजी क्षेत्र का महत्व है. उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा कि हर निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति नहीं कहा जा सकता है. संपत्ति की स्थिति, सार्वजनिक हित में उसकी जरूरत और उसकी कमी जैसे सवालों से किसी निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति का दर्जा मिल सकता है.फैसले पर अभी निर्णय जारी है ...
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