“बच्चों के अधिकार” विषय पर पैरालीगल वॉलेन्टियर के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू ...
विधि को सशक्त रूप से लागू कराने के लिए कानूनी ज्ञान जरूरी : प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री पाठक
ग्वालियर। कानूनी ज्ञान ही किसी भी विधि को सशक्त रूप में लागू कराये जाने का मूल आधार है। इसलिए वर्तमान समय में कानूनी ज्ञान में सशक्त होना जरूरी है। पैरा लीगल वालेन्टियर समाज व न्याय व्यवस्था के बीच में सेतु की तरह कार्य करते हैं। इसलिये पैरा लीगल वालेन्टियर्स को भी कानूनी ज्ञान में सशक्त बनें। इस आशय के विचार उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री आनंद पाठक ने व्यक्त किए। न्यायाधिपति आनंद पाठक उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशिक्षण केन्द्र में “बच्चों के अधिकार” विषय पर सोमवार से शुरू हुए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद पैरालीगल वॉलेन्टियर व मीडिएटर्स को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
यूनिसेफ एवं किशोर न्याय समिति, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के संयुक्त तत्वाधान में पैरालीगल वालेन्टियर्स के लिये 11 से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिसमें मीडियेटर्स भी भाग ले रहे हैं।
प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री आनंद पाठक ने कहा कि पैरा लीगल वालेन्यिर्स समाज से जुडे होते हैं। साथ ही प्रत्येक सामाजिक व्यक्ति के लिये पैरालीगल वालेन्टियर्स प्रथम सहायक व्यक्ति होते हैं। जिनके माध्यम से लोगों को प्राथमिक मदद मिलती है। इस प्रकार पैरा लीगल वॉलेंटियर्स एक सामाजिक इंजीनियर होते हैं। उन्होंने कहा समाज के निःशक्तजन में बच्चें भी होते है, जिनके कानूनी अधिकारो के प्रति भी पैरा लीगल वालेन्यिर्स को उर्जात्मक रूप से अग्रसर होना चाहिए। इसके लिये जरूरी है कि हम बच्चों के लिये भावनात्क रूप से तैयार रहें और इसी भावना को सशक्त बनाये जाने के लिये ही इस ज्ञानवर्द्धक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में “बच्चों के अधिकार” विषय पर जानकारी देने के लिए रिसोर्स पर्सन के रूप में सदरक की फाउण्डर श्रीमती माला भण्डारी ने विस्तारपूर्वक जानकारी दी। साथ ही प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का संतुष्टिपूर्ण रूप से निदान किया। प्रषिक्षण कार्यक्रम में बाल अधिकारों से संबंधित विभिन्न विषयों पर न्यायिक अधिकारी व अन्य विषेषज्ञों द्वारा भी जानकारी दी जावेगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में न्यायमूर्ति अनिल वर्मा, न्यायमूर्ति श्रीमती सुनीता यादव, न्यायमूर्ति हृयेष, न्यायमूर्ति राजेन्द्र कुमार वाणी, प्रधान जिला न्यायाधीश पी. सी. गुप्ता, खण्डपीठ-ग्वालियर के जिला न्यायाधीष (सतर्कता) प्रदीप मित्तल, प्रिंसिपल रजिस्ट्रार अखिलेश कुमार मिश्र, ओएसडी नवीन कुमार शर्मा व हितेन्द्र द्विवेदी, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आई.टी. रजिस्ट्रार शमरेश सिंह, मध्प्रदेश उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के सचिव अनिल कुमार मलिक एवं उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री पवन पाठक सहित अन्य अधिकारीगण व प्रशिक्षु सम्मिलित हुये।
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