इन रास्तों पर अब जाम आम हो चुका है...
शिंदे की छावनी से रामदास घाटी तक बने डिवाइडर के कारण लग रहा है जाम !
ग्वालियर। ग्वालियर में कुछ रास्ते दशकों से जाम का दर्द झेल रहे हैं। सड़कें चौड़ी हुईं, डिवाइडर बने, ट्रैफिक सिग्नल भी लगे, लेकिन इन रास्तों पर जाम की समस्या खत्म नहीं हुई। इन रास्तों में प्रमुख रूप से रामदास घाटी, शिंदे की छावनी कांग्रेस कार्यालय के सामने वाली सड़क शामिल हैं। जाम के कारण यहां 30 मिनट का सफर 45 मिनट का हो जाता है। साधारण ट्रैफिक मैनेजमेंट फार्मूले से इन मार्गों से ट्रैफिक लोड कम किया जा सकता है, लेकिन कभी इस दिशा में ठोस प्रयास नहीं किए गए। इससे इन रास्तों पर अब जाम आम हो चुका है।
अखिल भारतीय तानसेन समारोह में देश विदेश से लोग आते हैं। तानसेन समाधि स्थल हजीरा चौराहे पर है, ऐसे में लोगों को यहां पहुंचने में खासी दिक्कत होती है। यदि समय रहते ट्रैफिक सुधार के लिए प्रयास किए जाएं तो समारोह में शामिल होने के लिए आने वाले लोगों को राहत मिलेगी। रामदास घाटी पर फालका बाजार, शिंदे की छावनी, मानसिक आरोग्यशाला, शब्द प्रताप आश्रम, घोसीपुरा के साथ ही आसपास की कुछ गलियों का ट्रैफिक पहुंचता है। सुबह और शाम को यहां खासा जाम लगता है। शिंदे की छावनी पर जाम का मुख्य कारण दुकानों का हद से बाहर होना और सड़कों पर वाहन रिपेयरिंग का काम होना है। जिससे यहां सड़क की चौड़ाई आधी रह जाती है। जिससे दिन भर लोगों को जाम की समस्या झेलना पड़ती है।
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