एसपी बोले-भूसे के ढेर में लगी आग...
मतदान के बाद विजयपुर की दलित बस्ती में लगाई आग !
श्योपुर। विजयपुर में विधानसभा उपचुनाव के मतदान समाप्त होने के बाद भी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार की देर रात गोहटाए गांव में लगभग 200 दबंगों ने दलित बस्ती में जमकर उत्पात मचाया है। इस बीच पहले पथराव किया गया और फिर 4 कच्चे घरों, ट्रासफार्मर और बिजली खम्भों सहित पशुओं के चारे को भी आग हवाले कर दिया गया। गांव में लगी। डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा को भी तोड़ा गया। जिसको लेकर लोगों में नाराजगी है।
विजयपुर के गोहटा गांव में पथराव और आगजनी की घटना के बाद पुलिस की दो गाड़ियां पहुंची थीं, जो वीडियो में साफ दिखाई दे रही हैं, लेकिन विजयपुर टीआई पप्पू सिंह यादव इस घटना की कोई शिकायत तक नहीं मिलने की बात कह रहे हैं।ऐसे में आदिवासी सवाल उठा रहे हैं कि आगजनी और पथराव की घटना होने के बाद भी आरोपियों पर पुलिस कोई एक्शन नहीं ले रही। आरोपी उन्हें लगातार धमका रहे हैं। कानून नहीं बल्कि गुंडों का राज है।
एसपी बोले- बाजरा की भूसी के ढेर में आग लगी थी !
श्योपुर एसपी वीरेंद्र जैन का कहना है कि रात में विजयपुर थाना क्षेत्र के गोहटा गांव में दो पक्षों में विवाद की सूचना मिली थी। पुलिस मौके पर पहुंची। गांव में बाजरा की भूसी (बूलार) के ढेर में आग लगाई गई थी, जिसकी राख मिली। इस संबंध में शिकायत नहीं की गई है। किसी को चोट भी नहीं आई है। घर में आगजनी और तोड़फोड़ नहीं हुई है। हालांकि एहतियातन गांव में पुलिस बल तैनात है।
20 से 25 लोगों ने पीटा, पूरा गांव डरा हुआ है !
सीखेड़ा गांव निवासी घायल महिला कम्बोदा जाटव का कहना है कि हमारे समाज के लोगों ने रावत समाज के लोगों के कहने से उनके हिसाब से मतदान नहीं किया था। इसी बात को लेकर उन्होंने मंगलवार को भी हमारे समाज के लोगों को मारा-पीटा और गोली चलाई थी। मतदान के बाद वह हमसे बदला लेना चाहते हैं। मैं रास्ते से जा रही थी तभी मुझ पर 20 से 25 लोगों ने हमला कर दिया। वह हमें मारेंगे। पूरा गांव डरा हुआ है।
जाटव समाज की महिला जिसे कई लोगों ने मिलकर पीटा !
हालांकि, पुलिस इससे मनाकर रही है। एसपी ने बताया है कि बाजरे की भूसी के ढेर में आग लगी थी। न तो आगजनी हुई है और न ही तोड़-तोड़ की गयी है। विजयपुर टीआई पप्पूसिंह यादव ने बताया है कि हमारे पास शिकायत आयेगी तो कार्यवाही करेंगे। चुनाव का तनाव तो रहता ही है। ऐसी कोई बात नहीं है। आपको बता दें कि बुधवार को मतदान के दौरान भी जगह-जगह मारपीट और बूथ केप्चरिंग की घटनायें सामने आयी थी।
ऐसा बताया जा रहा है विवाद मतदान के दौरान का ही है । जिसे लेकर इस घटना को अंजाम दिया गया। ऐसे हालात सिर्फ गोहटा गांव के नहीं बल्कि सीखेड़ा गांव में भी है। जहां दलित आदिवासी परिवारों पर कइर बरपाया जा रहा है। एक महिला को मतदान के बाद रास्ते से निकलते समय कुछ लोगों ने मिलकर पीट दिया। दूसरे लोगों को भी धमकाया जा रहा है। इससे इस पूरे इलाके में आदिवासी डरे हुए है।
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