बस की कमानी और एक्सेल टूटा यात्रियों से भरी बस अल्मोड़ा की खाई में गिरी ...
63 यात्रियों से भरी बस से आई एक खटाक की आवाज और 36 जिंदगियां खत्म !
पौड़ी जिले के नैनीडांडा ब्लॉक स्थित बारातकिनाथ से 43 सीटर बस 63 यात्रियों से खचाखच भरकर नैनीताल के रामनगर के लिए रवाना हुई थी. बस जब कूपी गांव के नजदीक पहुंची, तो बस के कमानी का पट्टा टूटने की आवाज आई और अगले की पल बस 200 मीटर गहरी खाई में समा गई. इस हादसे में 36 जिंदगियां खत्म हो गईं, 28 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 8 लोगों ने रामपुर के अस्पताल में दम तोड़ दिया. मृतकों में 27 पुरुष और 9 महिलाएं शामिल हैं. दुर्घटना में 27 लोग घायल भी हुए हैं.
खटाक की आवाज और गहरी खाई में जा गिरी बस
बस में सवार यात्रियों ने बताया कि दुर्घटना से पहले बस का माहौल एकदम सामान्य था. कुछ लोग आपस में बातें कर रहे थे. कुछ महिलाएं मोबाइल फोन में व्यस्त थीं. इस बीच जब बस कूप गांव के नजदीक पहुंची, तो यहां रास्ता काफी खराब था. ऐसे में बस की रफ्तार भी धीमी हो गई. बस ओवरलोड थी और कुछ लोग खड़े भी हुए थे. ऐसे में जब बस एक मोड़ से घूमी, तो 'खटाक' की आवाज आई. लोगों को लगा कि रास्ता खराब है, तो नीचे कुछ आ गया होगा. लेकिन अगले ही पल ड्राइवर के नियंत्रण से बस बाहर हो गई. और पलक झपकते ही बस खाई में गिर गई. इस दौरान बस के दरवाजे पर लटके कुछ खुशनसीब लोग थे, जो छिटकर गिर गए. बाकी लोग बस के साथ 200 मीटर गहरी खाई में जा गिरे.
अपने के जाने का गम... थम नहीं रहे आंसू
इस बस हादसे में किसी का पति, किसी का पिता, तो किसी की मां साया उसके ऊपर से उठ गया. बस में सवार मनोज और चारू अपनी ढाई साल की बेटी शिवानी के साथ रामनगर आ रहे थे. लेकिन बस दुर्घटना में पत्नी चारू की मौत हो गई. मासूम शिवानी के सिर से उसकी मां का साया हट गया. शिवानी को भी गंभीर चोटें आई हैं और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वह मम्मी-मम्मी चिल्ला रही है. वहीं, दिगोलीखाल निवासी भूपाल सिंह के आंसू भी नहीं थम रहे हैं. उनका बेटा प्रवीन दिल्ली में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर था. वह पत्नी के साथ दीवाली की छुटि्टयों में घर आया था. छुट्टी खत्म होने के बाद वह दिल्ली लौट रहा था, इस बस हादसे में प्रवीन और उसकी पत्नी की मौत हो गई.
10 महिलाओं और 28 पुरुषों की मौत !
दुर्घटनास्थल से आई फोटो हादसे की भयावहता को दर्शा रहे हैं. बस जंगल से घिरे इलाके में चट्टानी ढलान से लुढ़कते हुए क्षतिग्रस्त हो गई और एक नाले से कुछ ही दूरी पर रुक गई. कुछ तस्वीरों में बचावकर्मी यात्रियों को बस से बाहर निकालने का प्रयास करते दिखे. बचाव अभियान करीब पांच घंटे तक चला. दुर्घटना में जांन गंवाने वालों में 10 महिलाएं हैं. 28 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई तथा आठ लोगों ने रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय, रामनगर में दम तोड़ दिया. दुर्घटना के बाद पौड़ी एवं अल्मोड़ा के सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं.
प्रशासन ने माना ओवरलोड थी बस
गढ़वाल मोटर ओनर्स एसोसिएशन द्वारा संचालित बस गढ़वाल क्षेत्र में पौड़ी से लगभग 250 किलोमीटर दूर कुमाऊं में रामनगर जा रही थी. जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे ने बताया कि यह दुर्घटना सुबह करीब आठ बजे हुई. उन्होंने बताया कि बस अपने गंतव्य रामनगर से सिर्फ 35 किलोमीटर दूर थी, जब यह अल्मोड़ा के मार्चुला क्षेत्र में करीब 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई. अल्मोड़ा जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने बताया कि घायलों को सबसे पहले रामनगर में नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां से छह लोगों को विमान से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश और दो को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाया गया. पाल के मुताबिक, घटना के वक्त 43 सीट वाली बस में 63 लोग सवार थे. उन्होंने बताया कि बस में क्षमता से अधिक यात्रियों का होना दुर्घटना का कारण हो सकता है.
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