संभल हिंसा में मारे गए लोगों के परिजन को अखिलेश देंगे पांच-पांच लाख रुपये
सपा अध्यक्ष द्वारा 5 -5 लाख की मदद से सत्ता का सिंहासन पाने का प्रयास ...
यूपी के संभल में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजन समाजवादी पार्टी पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद करेगी। सांसद रुचि वीरा ने बताया कि मृतकों के परिजन के साथ पार्टी की संवेदनाएं हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने परिजन की मदद करने की घोषणा की है। सहायता राशि परिजन को जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी। यही नहीं समाजवादी पार्टी की मांग है कि सरकार मृतकों के परिजन को एक-एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद करे।
इस घोषणा की बजह जनता भलीभांति जानती है इस कि अखिलेश के द्वारा दी जा रही इस मदद के पीछे कौन सा मकशद छुपा हुआ। इस मदद की सीढ़ियों के सहारे सत्ता का सिंहासन पाना चाहते है ! लेकिन वे देश को ये नहीं बता रहे हैं कि जो मरे हैं वे सर्वे के समय पुलिस पर पत्तरबाजी कर रही हजारों उपद्रवी भीड़ के बीच क्या कर रहे थे ? इस प्रकार की घोषणा एवं मांग क्या उपद्रवियों को बढ़ावा देना नहीं है ? आखिर ये सत्ता के लिए देश के साथ ऐसा खिलवाड़ कैसे कर सकते है। और फिर आपको सर्वे से इतना डर क्यों है ? कहीं भी सर्वे की बात होती है आदेश आता है तो विपक्षी पार्टियां एक वर्ग विशेष के तुष्टिकरण के लिए एक जुट होकर सरकार एवं अदालतों के आदेश पर उंगली उठाने लगते हैं। इस से मुल्ले-मौलवियों एवं कट्टरपंथियों को मौका मिलता है और वे उपदव पर उतारू हो जाते हैं और फिर जब इन्हे रोकने के लिए क़ानून अपना काम करता है तो फिर उस पर उंगली उठाने लगते हैं। जबकि संविधान एवं कार्य पालिका के नियमों की सबसे ज्यादा उलंघन ये लोग ही करते हैं और फिर फिर चिल्लाते हैं कि संविधान खतरे में है ! यहां इनकी वजह से संविधान ही नहीं बल्कि पूरा देश और हिन्दू समाज ही खतरे में है !
क्योंकि ये उपद्रवी संविधान की दुहाई देकर उससे मिले अधिकार रों का लाभ लेते हैं लेकिन उसके दायरे में रहकर कानूनों का पालन नहीं करते हैं। वहां इनका सरिया आगे आ जाता है। यही कारण है ये अदालतों के आदेश को भी न मानते हुए इस प्रकार की हिंसक वारदातों को अंजाम देते हैं। और इतना ही नहीं हिंसक विरोध प्रदर्शन ये लोग इसलिए भी करते हैं क्योंकि ये जानते हैं कि ये गलत हैं और सर्वे के बाद सच्चाई सबके सामने आ जायेगी ! इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन के लिए लिए सत्ता के लालची ऐसे नेता इनका सपोर्ट करते हैं ! इसलिए ये ऐसी हिमाकत कर पाते हैं।
आपको बताते चलें कि बीती 24 नवंबर को मस्जिद सर्वे के दौरान संभल में बवाल हो गया था। इसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। कई लोग घायल हुए थे। यहां तक कि डिप्टी एसपी के पैर में गोली लगने से वह घायल हो गए थे। इसके बाद से वहीं पर स्थिति तवनाव पूर्ण है। दूसरी तरफ मामले में राजनीति भी खूब हो रही है।
सपा नेताओं के घर पुलिस का पहरा
बताते चलें कि शनिवार की सुबह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के घर के बाहर पुलिस लगा दी गई। साथ ही विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव के डालीबाग स्थित आवास के बाहर भी पुलिस तैनात कर दी गई। दरअसल सपा के डेलिगेशन को संभल जाना था। इससे पहले ही नेताओं के घरों के बाहर पुलिस बन तैनात कर दिया गया है।
संभल जाना था 15 सदस्यीय डेलिगेशन
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के नेतृत्व में सपा का 15 सदस्यीय डेलिगेशन संभल जाने वाला था। सपा नेता संभल में पीड़ितों से मिलकर जानकारी जुटाने की बात कह रहे थे। इसके बाद इसकी जानकारी सपा मुखिया के साथ साझा करना था। उनके निकलने से पहले ही पुलिस उनके घरों के बाहर तैनात मिली।
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