2027 में पूरा होगा राजस्थान के सबसे बड़े मंदिर का काम...
300 करोड़ की लागत से राजस्थान में सबसे बड़े मंदिर रूप में आकार ले रहा है गुप्त वृंदावन धाम !
राजस्थान के छोटी काशी के नाम से मशहूर जयपुर को जल्द ही आस्था की नई सौगात मिलने जा रही है. गुलाबी नगरी में मोती डूंगरी, गोविंददेव जी समेत कई प्रसिद्ध मंदिरों के बाद अब गुप्त वृंदावन धाम भी जल्द ही श्रद्धालुओं के लिए खुलने जा रहा है. यह जयपुर के जगतपुरा में हरे कृष्ण मार्ग पर इसके बनने का काम तेजी से चल रहा है. प्रदेश के इस सबसे बड़े मंदिर का आधिकारिक भव्य उद्घाटन 2027 में होने जा रहा है.
6 एकड़ जमीन पर बनकर हो रहा है तैयार
यह मंदिर जगतपुरा में हरे कृष्ण मार्ग पर 6 एकड़ भूमि पर 300 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है. इसका उद्घाटन जयपुर की स्थापना की 300वीं वर्षगांठ के अवसर पर 2027 में किया जाएगा. खास बात यह है कि यह राजस्थान का सबसे बड़ा मंदिर और सांस्कृतिक परिसर होगा.
बलराम संग विराजे राधा- कृष्ण
6 एकड़ भूमि पर बन रहे इस भव्य मंदिर में श्री कृष्ण-बलराम, राधा-श्यामसुंदर और गौरी-निताई की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी. साथ ही इस मंदिर में एक विशाल धार्मिक स्थल होगा, जहां हजारों भक्त एक साथ बैठकर भक्ति का आनंद ले सकेंगे.इसमें एक सांस्कृतिक और शैक्षणिक केंद्र भी होगा, जहां भक्तों को कृष्ण लीला एक्सपो, गीता प्रदर्शनी, हरिनाम मंडप और प्रमात्मा हॉल जैसी खास जगहें देखने को मिलेंगी. इसके साथ ही कृष्ण लीला एक्सपो, हरिनाम मंडप और गीता प्रदर्शनी का अनुभव भी मिलेगा.'मयूर द्वार' पर बनेंगे 108 मोर
मंदिर में 6 द्वार होंगे. मयूर द्वार मुख्य होगा. द्वारिका के मंदिरों की तरह इस पर 108 मोर बनाए जाएंगे. दूसरा 'हंस द्वार' होगा. जगन्नाथपुरी मंदिर की तरह पूरब और पश्चिम में 2-2 द्वार होंगे, जिन्हें सिंह द्वार, व्याघ्र द्वार, हस्ति द्वार, अश्व द्वार नाम दिए जाएंगे.
शिखर पर होगी कमान छतरी
धाम में राजस्थानी शैली और आधुनिक डिजाइनों से जुड़ा आर्किटेक्चर देखने को मिलेगा, शिखर पर राजस्थानी आर्किटेक्चर में छतरी बनेगी, दीवारों पर फसाड़ कांच लगेंगे. आर्किटेक्ट मधु पंडित दास हैं, जिन्होंने विश्व का सबसे बड़ा वृंदावन चंद्रोदय मंदिर भी डिजाइन किया है.
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