G News 24 : नेताओं के परिजन दिखा रहे हैं खाकी को खादी की गर्मी !

एमपी में खादी पड़ रही है भारी...

नेताओं के परिजन दिखा रहे हैं खाकी को खादी की गर्मी !


अभी तक फिल्मों में ही खाकी पर खादी को भारी पड़ते दिखाया जाता था, और इसमें कोई दो-राय नहीं है कि भारतीय फिल्मे समाजिक जीवन का आइना होती हैं। ये सब वर्षों से होता आ रहा है। खादी हमेशा ही खाकी पर हावी होने की फ़िराक़ में रहती है। इस तरह की  देश दुनिया के सामने तमाम घटनाएं हैं। लेकिन इन घटनाओं को पब्लिक  डोमिन में आने में काफी टाइम लग जाता था या इन्हें दबा दिया जाता था। लेकिन अब सोशल मीडिया का दौर है इसलिए ये घटनाएं चंद सेकंड में ही पब्लिक डोमिन में आ जाती हैं। ऐसी खाकी को धमकाने वाली तीन घटनाएं  तीन दिन के अंदर नेताओं के परिजनों की गई हैं। इन नेताओं के परिजनों ने पब्लिक प्लेस पर खाकी को धमकाया तो ये मामले मीडिया की हैडलाइन बन गए। 


एक तरफ पुलिस को धमकाने वाला दिग्विजय सिंह के भतीजे का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा था जिस पर एक्शन लेते हुए पुलिस ने दिग्विजय सिंह के भतीजे पर शासकीय कार्य में बाधा की रिपोर्ट दर्ज कर मामला दर्ज कर लिया था ! 


जानते नहीं,पापा मंत्री हैं और हम दबंग,तुम्हारी वर्दी उतरवा देंगे!प्रदेश सरकार के मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के बेटे प्रबल ने जबलपुर में बुजुर्ग दंपति को टक्कर मारने के बाद पुलिस वालों को इस अंदाज में धमकाया!भाजपा के राज में मंत्री पुत्रों का आतंक आम जनता झेलने को मजबूर है,पहले नरेंद्र शिवाजी पटेल,अब प्रह्लाद पटेल कुर्सी की गर्मी का पूरा इस्तेमाल इनके बेटे अपनी दबंगई से कर रहे हैं! दबंगों के विरुद्ध शासकीय कार्य में बाधा डालने का प्रकरण दर्ज करने की हैसियत और हिम्मत पुलिस में नहीं है?

वहीं थावरचंद गहलोत के पोते और पूर्व विधायक जितेंद्र गहलोत के बेटे के द्वारा पुलिस कर्मी के साथ अभद्रता का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है बावजूद अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है ! वीडियो  में साफ देखा जा सकता है कि भाजपा के पूर्व विधायक जितेंद्र गेहलोत के बेटे और थावरचंद गेहलोत के पोते का है ! इन्हें अपने बाप दादा के दम से खाकी वर्दी में तैनात सब इंस्पेक्टर पर हाथ उठा दिया और वर्दी उतारने की दी धमकी ! 

इस से तो यही जाहिर होता है कि सत्ता के आगे बे-बस पुलिस संविधान की धाराओं से ज्यादा सत्ताधारी नेताओं के बनाए गए स्वयं के नियम कायदों के अनुसार कार्य करने के लिए लाचार दिखाई पड़ती है ! क्योंकि जहां एक तरफ अगर भाजपा का कोई कार्यकर्ता या पदाधिकारी है तो उसे खुली छूट दी जा रही है, वहीं अगर किसी अन्य पार्टी का कोई कार्यकर्ता या पदाधिकारी है तो उस पर तुरंत ही मामला दर्ज कर लिया जाता है ! यह  आम जनता की तो वैसे भी थानों में आजकल सुनवाई नहीं हो रही है,थानों में आवेदनों के ढेर लगे हैं ! और अब पुलिस ऐसी हालत देखकर  तो यही कहना कि मुख्यमंत्री जी ,गृहमंत्री जी जनता की छोड़िए,आप फिलहाल अपने नेताओं से पुलिस की रक्षा कीजिये !





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