हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में कितने और कहां से जीते निर्दलीय ...
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में बागियों ने किसका बिगाड़ा 'खेल'
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने हैं. जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बहुमत मिली है तो वहीं, हरियाणा में 57 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए BJP लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है. BJP ने 48 सीटें जीत ली है. इस विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों का रोल भी काफी अहम रहा. निर्दलीय उम्मीदवारों ने कहीं जीत हासिल की तो कहीं खेल कांग्रेस-बीजेपी का खेल बिगाड़ दिया है.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में सात निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की. साथ हरियाणा विधानसभा चुनाव में 3 निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली है. जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कुल 346 निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था.
हरियाणा में इन निर्दलीय उम्मीदवारों को मिली जीत
- कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल ने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार राम निवास राणा को 18,941 वोटों के अंतर से चुनाव हराया. सावित्री जिंदल को 49,231 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 30,290 वोट मिले. वो भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में मंत्री भी बनीं. कांग्रेस के साथ लगभग दो दशक बिताने के बाद, सावित्री जिंदल अपने बेटे नवीन जिंदल के नक्शेकदम पर चलते हुए इस साल मार्च में BJP में शामिल हो गई थीं.विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट न मिलने पर हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का उन्होंने फैसला किया था.
- बहादुरगढ़ विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार राजेश जून को जीत मिली है. बहादुरगढ़ सीट से टिकट नहीं मिलने पर राजेश जून ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी.
- हरियाणा विधानसभा चुनाव में गन्नौर सीट से निर्दलीय देवेंद्र कादियान को जीत मिली है. देवेंदर कादियान जब बीजेपी से टिकट नहीं मिली थी तो उन्होंने बगावत कर दिया था और चुनावी मैदान में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोक दिया और उनका यह फैसला सही साबित हुआ.
जम्मू-कश्मीर में इन निर्दलीय उम्मीदवारों को मिली जीत
- कांग्रेस छोड़कर जम्मू क्षेत्र की छंब सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले सतीश शर्मा ने भाजपा उम्मीदवार राजीव शर्मा को 6,929 मतों के अंतर से हराकर चुनाव जीता. पूर्व कांग्रेस मंत्री मदन लाल शर्मा के बेटे सतीश शर्मा को 33,985 वोट मिले. पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार तारा चंद, जिन्होंने तीन बार यह सीट जीती थी, 16,449 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
- इंदरवाल में निर्दलीय उम्मीदवार प्यारेलाल शर्मा ने वरिष्ठ नेता गुलाम मोहम्मद सरूरी को 643 मतों के मामूली अंतर से शिकस्त दी. शर्मा को 14,195 वोट मिले जबकि निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे सरूरी को 13,552 मत प्राप्त हुए.बनी में निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. रामेश्वर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार और पूर्व विधायक जीवन लाल को 2,048 मतों से हराया. सिंह को 18,672 वोट मिले जबकि लाल को 16,624 प्राप्त हुए.
- सुरनकोट विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बागी नेता चौधरी मोहम्मद अकरम ने कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद शाहनवाज को 8,851 मतों के अंतर से हराया. अकरम को 34,201 वोट मिले.
- निर्दलीय उम्मीदवार मुजफ्फर इकबाल खान ने भाजपा उम्मीदवार मोहम्मद इकबाल मलिक को 6,179 वोटों के अंतर से हराकर थानामंडी सीट जीती। खान को 32,645 वोट मिले.
- लंगेट विधानसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार खुर्शीद अहमद शेख ने 25,984 वोट हासिल किए और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के इरफान सुल्तान पंडितपुरी को 1,602 वोटों के अंतर से हराया.
- इसी तरह, शब्बीर अहमद कुल्ले ने शोपियां सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार शेख मोहम्मद रफी को 1,207 वोटों के अंतर से हराया.
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