नदी का असतित्व बचाने के लिए अंतिम समय तक लड़ाई लड़ंगे ...
स्वर्ण रेखा नदी को बचाने के लिए जल सत्याग्रह !
ग्वालियर। एक समय ग्वालियर के बीच बहने वाली स्वर्ण रेखा नदी को पेरिस की टेम्स नदी बनाने के सपने ग्वालियर के लोगों को दिखाए गए थे। ये टेम्स नदी तो नहीं बन पाई, हां एक बदबू मरता गंदा नाला जरूर बनकर रह गई, और जिन्होंने इसे टेम्स जैसी नदी बनाने का सपना लोगों को दिखाया था उनके जरूर इस नदी के उन्नयन के लिए मिले बजट से बारे-न्यारे हो गए। अब कुछ लोग इसके असतित्व को बचाने के लिए आगे आकर अंतिम समय तक लड़ाई लड़ने और पीने के पानी के अधिकार को सुरक्षित करवाने के लिए बात कर रहे हैं।
2 अक्टूबर को जय जवान जय किसान का नारा देने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एवं महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर एड. विश्वजीत रतौनिया के नेतृत्व में स्वर्ण रेखा बचाओ आंदोलन समिति के द्वारा स्वर्णरेखा को बचाने के संकल्प के साथ जल सत्याग्रह किया गया और यह जल सत्याग्रह का आयोजन फूलबाग स्थित लक्ष्मीबाई समाधि के निकट स्वर्ण रेखा नदी में किया गया।
श्री रतौनिया का कहना है कि स्वर्ण रेखा को बचाने की लड़ाई हम लोगों ने सड़क से लेकर न्यायालय तक लड़ी है तमाम सारे न्यायालय आदेशों के बावजूद भी आज दिनांक तक स्वर्ण रेखा नदी की सफाई नहीं हो सकी, ट्रंक लाइन बाहर नहीं डाली जा सकी, कचरा रोकने के लिए जालियां नहीं लगाई जा सकी एवं इस नदी को विकास के लिए तमाम सारे वादे न्यायालय में अधिकारियों के द्वारा किए गए तमाम सारे लिखित दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए लेकिन इस नदी का सीना छल्ली करते हुए इस नदी के मूल परिवेश को खराब करते हुए एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमने इस सत्याग्रह के माध्यम मांग की है कि न्यायालय आदेशों को दृष्टिगत रखते हुए जो वादे जो लिखित दस्तावेज जिम्मेदार अधिकारियों ने मध्य प्रदेश शासन नगर निगम ग्वालियर जिला कलेक्टर ग्वालियर स्मार्ट सिटी जल संसाधन विभाग एवं तमाम सारे अधिकारियों ने किए थे उनको जमीन पर उतरते हुए इस नदी की साथ दिवस के अंदर सफाई की जाए।
इसमें कचरा रोकने के लिए जालियां लगाई जाए ट्रंक लाइन बाहर निकालने के लिए 7 दिन के अंदर कर चालू किया जाए एवं जब तक इस नदी पर न्यायालय प्रकरण चल रहा है तब तक एलिवेटेड रोड के निर्माण का कार्य रोका जाए एवं नदी पर जितना भी भ्रष्टाचार हुआ है मध्य प्रदेश सरकार विशेष दल का गठन का इस पूरे भ्रष्टाचार की जांच काराये।
सत्याग्रह करने वाले तमाम लोगों ने चेतावनी एक साथ देकर कहा कि अगर मध्य प्रदेश सरकार लोकल प्रशासन 7 दिवस के अंदर इस नदी की सफाई जालियां लगाना ट्रंक लाइन विचार पृथक डालने की तैयारी करना एलिवेटेड रोड पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की अगर कार्रवाई नहीं करती है तो स्वर्णरेखा बचाओ आंदोलन समिति के लोग आमरण अनशन करने का काम करेंगे।
इस सत्याग्रह में मुख्य रूप से स्वर्ण रेखा बचाओ आंदोलन समिति के संयोजक एवं ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एडवोकेट विश्वजीत रतौनिया,ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी सदस्य एडवोकेट धर्मेंद्र सिंह कुशवाहा, अंकित आर्य, आकाश वर्मा, प्रीति सिंह, युसुफ अब्बास, अशद् खान, यशपाल पेमदे, आशीष राय,सतीश राय, कन्हैया लाल बौद्ध, अवदेश कुशवाह, सुरेंद्र कुशवाह, मूलचंद प्रजापति,महेंद्र पाल,राजेश महोबिया,लालाराम आर्य, इमरान खान,एड.महेश कोली, चिराग गर्ग,आकाश शिवहरे आदि लोग मौजूद थे ।
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