G News 24 : अपने भीतर उदारता, सेवा भावना व संघर्षशीलता को आत्मसात करें : श्री तोमर

 क्षत्रिय वह है जो सभी समाजों को लेकर आगे बढ़े...

अपने भीतर उदारता, सेवा भावना व संघर्षशीलता को आत्मसात करें : श्री तोमर  

ग्वालियर। हमारे पूर्वजों ने देश व संस्कृति की रक्षा के लिये बलिदान देकर शौर्य का इतिहास रचा है। इस पर हम सभी को गर्व है। युवा पीढ़ी अपने पूर्वजों की समाज के प्रति उदारता, सेवा भावना एवं संघर्ष को अपने भीतर आत्मसात करे। इस आशय का आह्वान विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने राजपूत हितकारिणी सभा द्वारा आयोजित दशहरा मिलन समारोह में मौजूद क्षत्रिय समाज के युवाओं से किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने की। उन्होंने कहा क्षत्रिय वह है जो सम्पूर्ण समाजों को लेकर आगे बढ़ता है। हमारे पूर्वजों ने सदियों से इसी परंपरा का निर्वहन किया है। विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर रहे क्षत्रिय समाज की विभूतियों को कार्यक्रम में अतिथियों ने सम्मानित किया। 

शनिवार को यहाँ जयेन्द्रगंज स्थित राजपूत छात्रावास में आयोजित हुए दशहरा मिलन समारोह में समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का वर्चुअल संदेश का प्रसारण भी हुआ। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया मंचासीन थे। साथ ही संत कृपाल सिंह, सांसद शिवमंगल सिंह तोमर, पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, विधायक नितेन्द्र सिंह राठौर, पूर्व विधायक घनश्याम सिंह व भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी शैलेन्द्र सिंह चौहान मंचासीन थे। 

विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि दशहरा मिलन समारोह जैसे आयोजन समाज को एक सूत्र में बांधने और देश सेवा के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने इस आयोजन के लिये राजपूत हितकारिणी सभा की सराहना की और कार्यक्रम में मौजूद लोगों को दशहरा व दीपावली की शुभकामनायें दीं। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि क्षत्रियों के लिये समाज में कोई भी अग्राहि नहीं होता। भगवान राम हमारे आदर्श हैं और उन्होंने शबरी के झूठे बेर खाकर समाज को सकारात्मक संदेश दिया। उन्होंने कहा शास्त्र व शस्त्र दोनों ही हमारी संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। पर यह भी सही है कि क्षमा ही क्षत्रियों का आभूषण है। इसीलिए शस्त्र हाथ में लेकर चलने के बाबजूद भी हमारे पुरखों ने हर परिस्थिति में क्षत्रिय धर्म का पालन किया। भले ही इसके लिये हार का क्यों न सामना करना पड़ा। इसी परंपरा के अनुरूप न्याय, नारी के सम्मान व मातृ भूमि की रक्षा के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिये तैयार रहेंगे, तभी हम क्षत्रिय कहलाने के हकदार होंगे। 

पूर्व मंत्री एवं मुख्य वक्ता जयभान सिंह पवैया ने भारत के प्राण संस्कृति में बसते हैं। इसलिए तमाम संघर्षों के बाबजूद हजारों वर्ष से हमारी संस्कृति अक्ष्क्षुण है। हमारे पूर्वजों ने क्षातृ धर्म का पालन कर और अपने प्राणों की आहुतियां देकर संस्कृति की रक्षा की है। क्षत्रिय वो कॉम है जो समाज के सभी वर्गों को लेकर साथ चलती है। हम सभी को इन सभी परंपराओं का पालन करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जमाना बदलने से सभ्यतायें बदल सकती हैं पर संस्कृति और जीवन मूल्य नहीं। हमारे त्यौहार संस्कृति व जीवन मूल्यों को बचाए रखने का काम करते हैं। 

कार्यक्रम में संत कृपाल सिंह, पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह व हिमाचल प्रदेश के पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, विधायक नितेन्द्र सिंह राठौर व पूर्व विधायक घनश्याम सिंह ने भी विचार व्यक्त किए। स्वागत उदबोधन नरेन्द्र सिंह सिकरवार ने दिया। राजपूत हितकारिणी सभा का प्रगति प्रतिवेदन उत्तम सिंह कुशवाह ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अंशु भदौरिया द्वारा किया गया। आरंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर एवं शमी व शस्त्र पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 

कार्यक्रम में क्षत्रिय समाज की जिन विभूतियों को सम्मानित किया गया, उनमें तलवार बाजी में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल विजेता कु. अनुष्का भदौरिया व सिल्वर मैडल विजेता कु. प्रार्थना राजावत, चिकित्सा के क्षेत्र में कु. अनुकृति सिकरवार, शिक्षा में कु. भूमि पवार, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी में सुश्री अपूर्वा जादौन, उद्योग के क्षेत्र में सोबरन सिंह तोमर व सीएसपी नागेन्द्र सिंह सिकरवार शामिल हैं। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाली लगभग दो दर्जन विभूतियों को इस अवसर पर सम्मानित किया गया। 

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