G News 24 : संज्ञेय अपराध पर अविलंब FIR दर्ज करना पुलिस की ड्यूटी : HC

 हाईकोर्ट ने DGP को दिए ये निर्देश...

संज्ञेय अपराध पर अविलंब FIR दर्ज करना पुलिस की ड्यूटी : HC

भोपाल। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अपने अहम आदेश में कहा है कि संज्ञेय अपराध की शिकायत मिलने पर अविलंब एफआईआर दर्ज करना पुलिस की ड्यूटी है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को इस संबंध में स्थाई आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं।युगलपीठ ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने तथा मामले की जांच कर न्यायालय के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं। याचिका पर अगली सुनवाई 21 अक्तूबर को निर्धारित की गई है।

बता दें कि कटनी निवासी मारूलाल चौधरी की तरफ से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में कहा गया था कि उसका पुत्र एक जुलाई 2024 से लापता है। याचिका में आशिक शाह और सौरभ शाह भाई जान द्वारा बेटे के अपहरण किए जाने की आशंका है। इस संबंध में उसने नौ जुलाई 2024 को पुलिस चौकी, बिलहरी, थाना कुठला जिला कटनी में शिकायत दर्ज कराई थी। हेड कांस्टेबल संतोष चक्रवर्ती ने धमकाते हुए उक्त व्यक्तियों के विरुद्ध शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया था। पुलिस द्वारा संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने के कारण उक्त बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाकर्ता दायर की गई थी।

याचिकाकर्ता ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना दर्द बयां किया। युगलपीठ ने चिंता व्यक्त हुए कहा कि पूर्व में कुछ मामलों में ऐसा ही देखने को मिला है कि राज्य की पुलिस किसी भी शिकायतकर्ता की शिकायत पर उचित कार्रवाई नहीं कर रही है। पुलिस का कर्तव्य है कि अगर संज्ञेय अपराध है तो एफआईआर दर्ज करे। युगलपीठ ने ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश का पालन करते हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं। युगलपीठ ने पुलिस महानिदेशक को ललिता परिपालन के संबंध में स्थाई आदेश जारी करे। युगलपीठ ने आदेश के अनुपालन करने के निर्देश भी जारी किए हैं।


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