जांच अधिकारी मोबाइल एप से करेंगे सत्यापन...
अब प्रदेश में ई-नगरपालिका का उपयोग हुआ आसान !
ग्वालियर। प्रदेश में ई-नगरपालिका पोर्टल को यूजर फ्रेण्डली और सरल बनाये जाने के लिये नगरीय विकास विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं। नगरीय विकास आयुक्त भरत यादव ने बताया कि अब नवीन सम्पत्ति आईडी बनाये जाने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने निर्देश दिये थे। आवेदक द्वारा सम्पत्ति पंजीयन के लिये समग्र आईडी प्रस्तुत की जायेगी। नवीन सम्पत्ति के लिये पोर्टल आवेदन के समय सम्पत्ति के स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज लोड किया जाना अनिवार्य होगा। जहाँ पूर्व से सम्पत्ति पर विद्युत कनेक्शन है, वहाँ आवेदक द्वारा विद्युत कनेक्शन, उपभोक्ता क्रमांक दर्ज किया जाना अनिवार्य होगा।
यदि वर्तमान में सम्पत्ति पर कोई विद्युत कनेक्शन नहीं है, तो नहीं का विकल्प चयन कर आवेदन दर्ज किया जा सकेगा। भविष्य में सम्पत्ति पर विद्युत कनेक्शन प्राप्त किये जाने की दशा में वितरण कम्पनी डाटा के साथ इन्टीग्रेशन के माध्यम से ई-नगरपालिका पोर्टल पर दर्ज सम्पत्ति आईडी के विरुद्ध उपभोक्ता क्रमांक की जानकारी अपडेट की जा सकेगी। दस्तावेजों के ऑनलाइन जमा किये जाने के बाद स्थानीय निकाय कार्यालय द्वारा सम्पत्ति का भौतिक निरीक्षण किया जाना अनिवार्य होगा। भौतिक निरीक्षण किये जाने की प्रक्रिया के अंतर्गत निकाय के जाँच अधिकारी द्वारा मोबाइल एप के माध्यम से सत्यापन किया जायेगा। इस सत्यापन के लिये संबंधित निकाय सम्पत्ति का लाइव फोटोग्राफ और जियो लोकेशन मोबाइल एप में दर्ज कर सत्यापन किया जाना सुनिश्चित करेंगे।
यह कार्यवाही आवेदन प्राप्त होने के 7 दिवस के भीतर किया जाना अनिवार्य होगा। निकाय स्तर पर प्रॉपर्टी आईडी के पंजीयन की प्रक्रिया में अनुमोदन के 2 से अधिक चैनल नहीं होना चाहिये। इसका आशय यह है कि जाँच अधिकारी द्वारा सत्यापन पश्चात प्रकरण पोर्टल के माध्यम से सम्पत्ति पंजीयन के लिये सक्षम अधिकारी के लॉग-इन पर प्रदर्शित होगा और सक्षम अधिकारी को जाँच रिपोर्ट के आधार पर सम्पत्ति पंजीयन आवेदन को स्वीकृत अथवा निरस्त किया जाना आवश्यक होगा।
नवीन सम्पत्ति आईडी को आवेदन दिनांक से 30 कार्य दिवस के अंदर सत्यापित कर आईडी बनाये जाने की प्रक्रिया पूर्ण किया जाना अनिवार्य किया गया है। स्वत्वाधिकार के अंतरण उपरांत नाम संशोधन की प्रक्रिया के लिये दिशा-निर्देश दिये गये हैं। आवेदन उपरांत निकाय का जाँच अधिकारी भौतिक सत्यापन की कार्यवाही मोबाइल एप के माध्यम से 7 दिवस में पूर्ण करेगा। इसके अंतर्गत सम्पत्ति के फोटोग्रॉफ और जियो लोकेशन दर्ज की जायेगी। निकाय सम्पत्ति के स्वत्वाधिकार अंतरण उपरांत नाम संशोधन के लिये दावे-आपत्ति की कार्यवाही प्राप्त होने के 21 दिन के भीतर सम्पादित करेंगे। 45 दिवस की समय-सीमा में आवेदक को आदेश डिजिटली हस्ताक्षरित कर ई-नगरपालिका पोर्टल से जारी किया जाना अनिवार्य होगा।
नवीन सम्पत्तियों के स्व-निर्धारण की प्रक्रिया नवीन सम्पत्ति आईडी बनाये जाने की प्रक्रिया अनुसार सम्पादित की जायेगी। ई-नगरपालिका पोर्टल पर दर्ज सम्पत्तियों के स्व-निर्धारण के लिये आवेदक ई-नगरपालिका पोर्टल पर प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिये अपनी सम्पत्ति की जानकारी ऑनलाइन प्रस्तुत कर सकेगा। इस ऑनलाइन आवेदन को निकाय स्तर पर परीक्षण कर निर्धारित प्रक्रिया अनुसार लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत निर्धारित समय-सीमा 30 दिन में आवेदन का निराकरण करना होगा। ऐसी स्थिति में जब आवेदक द्वारा स्व-निर्धारण उपरांत यदि सम्पत्ति कर में वृद्धि पाई जाती है तो निर्धारित समय-सीमा में आवेदन कर निराकरण नहीं किये जाने पर स्व-निर्धारण का आवेदन डीम्ड अनुमोदित माना जायेगा और तद्नुसार सम्पत्ति की जानकारी अद्यतन हो जायेगी।
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