जीवन में कुछ मान्यताएं और संकल्प जब तय कर लिए जाते हैं तो जीवन सुखी और आनंदमय हो जाता है...
ब्रह्माकुमारी संस्थान माउंट आबू में नेशनल मीडिया कांफ्रेंस का हुआ शुभारंभ
राजस्थान के माउंट आबू स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान में गुरुवार 26 सितंबर2024 को स्वस्थ और सुखी समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण में मीडिया की भूमिका विषय को लेकर तीन दिवसीय नेशनल कांफ्रेंस का शुभारंभ हुआ। इस कांफ्रेंस में भारत के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ नेपाल के मीडिया कर्मी भी सम्मिलित हो रहे हैं। कॉन्फ्रेंस के दौरान वक्ताओं ने बताया कि जीवन में थोड़ेसे बदलाव लाकर आप स्वयं की लाइफ के साथ-साथ सामाजिक व्यवस्था में खुशियां लाकर उसे आनंदमई बना सकते है।
मानव जीवन में मनुष्य को अध्यात्म अपनाकर अत्यात्मिक केंद्रों से जुड़ना चाहिए। मनुष्य जब-जब जीवन में हारता है तब तब अध्यात्म और आध्यात्मिक केंद्र उसे एक नई ऊर्जा प्रदान करते हैं। उक्त विचार राजयोगिनी दीदी बीके नलिनी बहन के द्वारा कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किये गये । इससे पूर्व देशभर से आए मीडिया कर्मियों का स्वागत, स्वागत गीत और स्वागत नृत्य की शानदार प्रस्तुति देकर द्वारा संस्थान के ब्रह्माकुमार और ब्रह्माकुमारी भैया बहनों द्वारा किया गया।
कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ के इस अवसर पर बीके गंगाधर भाई ने संस्थान के मानसरोवर, ज्ञान सरोवर एवं आनंद सरोवर की महत्वता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ये तीनों यह बताते हैं कि नेचर कैसे हमारा सत्यता से साक्षात्कार कराता है और उस साक्षात्कार से जब हमारा सामना हो जाता है तो जीवन में खुशियां आ जाती है। इसी प्रकार ज्ञान के द्वारा चिंतन और मनन का महत्व बताते हुए कहा कि जब वास्तविक ज्ञान की अनुभूति हो जाती है तब जीवन स्वयं आनंदमयी हो जाता है।
और जब स्वयं का जीवन आनंदमय हो जाता है तो हम दूसरों को भी खुशियां दे सकते हैं। बीके डॉक्टर सविता बहन ने बताया कि मन स्वस्थ होगा तो तन और विचार भी स्वस्थ होंगे। जब तन और विचार और मन स्वस्थ होगा तभी एक स्वस्थ सुखी समाज का निर्माण होगा। उन्होंने बताया कि मीडिया कर्मियों को कैसे अपने मन के साथ-साथ तन को, योग और अध्यात्म के द्वारा स्वस्थ और सुखी बनाए जा सकता है।
जब हम सुखी होंगे तो आनंद की अनुभूति भी होगी। जब आपको स्वयं को आनंद की अनुभूति होगी तो आप दूसरों को भी आनंद की अनुभूति करवा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसलिए मीडिया कर्मी स्व परीक्षण करते हुए परमात्मा से संबंध स्थापित करेंगे तो अवश्य ही समझ में परिवर्तन ला पाएंगे। इसी क्रम में बीके भाई उत्तम प्रकाश ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विकारों पर विजय पाकर ही एक स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सकता है।
आयोजन की मुख्य अतिथि संस्थान की एडिशनल हेड बीके मोहिनी दीदी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यदि जीवन में कुछ मान्यताएं और कुछ संकल्प तय कर लिए जाते हैं तो जीवन अवश्य ही सुखी और आनंदमय हो जाता है। उन्होंने बताया कि इस जगत में और सुर और असुर के बीच लगातार चलने वाले युद्ध में से अज्ञानता को दूर करने के लिए ज्ञान के मनन चिंतन से सुर पर को विजयश्री पा लोगे तो जीवन में सुख शांति समृद्धि अवश्य आएगी। और आप जीवन में सही सोच और सही निर्णय लेकर मंजिल तक अवश्य पहुंच जा सकते है। कॉन्फ्रेंस के शुभारंभ अवसर पर भाई बीके आत्म प्रकाश, बीके भाई निकुंज जी आदि ने भी अपना उद्बोधन दिया।
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