अब कौन संभालेगा हिजबुल्लाह की कमान...
इजरायल के हमले में मारा गया हिजबुल्लाह का चीफ हसन नसरल्लाह !
80 टन बारुद, 60 से अधिक बंकर बस्टर बम और सटीक इन्फॉर्मेशन, तीनों का कॉम्बिनेशन इतना परफेक्ट था कि अपने सबसे मजबूत किले में जमीन से 50 फीट नीचे मौजूद हिजबुल्लाह का चीफ हसन नसरल्लाह नहीं बच पाया और इजरायल के हमले में मारा गया। पिछले कई महीनों से इजरायल के पास नसरल्लाह के ठिकाने की जानकारी थी और हिजबुल्लाह चीफ अपना लोकेशन ना बदल दे, इसलिए एक हफ्ते पहले ऑपरेशन न्यू ऑर्डर का प्लान तैयार किया गया और शुक्रवार को इजरायली सेना ने मिडिल ईस्ट एशिया के सबसे बड़े आतंकी को मार गिराया है। 10 दिनों में ही इजरायल ने हिजबुल्लाह की पूरी चेन ऑफ कमांड को खत्म कर दिया है।
इजरायल ने कैसे सिर्फ 11 सेकेंड में हिजबुल्लाह के सबसे बड़े आतंकी का खात्मा किया, ये जानकर सभी हैरान हैं। 11 सेकेंड में 9 धमाके हुए और मिडिल ईस्ट में आतंक का सबसे बड़ा नाम हसन नसरल्लाह एलिमिनेट हो गया। उसके खात्मे के लिए इजरायल ने बंकर बस्टर बम गिराया था। 100 घंटे के भीतर आतंकी संगठन की टॉप लीडरशिप को खत्म हो गई तो क्या हिजबुल्लाह भी खत्म हो गया? तो इसका जवाब है शायद नहीं। अब सवाल ये है कि क्या नसरल्लाह की मौत के बाद हिजबुल्लाह खत्म हो जायेगा या फिर उसकी जगह कोई और इस आतंकी संगठन की कमान संभालेगा। इस रेस में सबसे आगे है नसरल्लाह का चचेरा भाईहाशेम सफीद्दीन। सफीउद्दीन भी हिजबुल्लाह हेडक्वार्टर में हमले के वक्त मौजूद था..लेकिन माना जा रहा है कि वो इस अटैक में बच निकला।
हाशेम का रहन सहन और पहनावा नसरल्लाह से मिलता-जुलता है। पिछले तीन दशकों से हाशेम सफीद्दीन, हिजबुल्लाह में एक बड़े प्लेयर की भूमिका निभाता आ रहा है। उस पर संगठन के संचालन और वित्तीय मामलों का जिम्मा रहा है, जबकि रणनीतिक फैसले नसरल्लाह लेता था। साल 2017 में अमेरिका ने हाशेम को आतंकवादी घोषित किया था हिजबुल्लाह के लड़ाकों में हाशेम की मजबूत पकड़ है। इजरायल के बाद पुख्ता जानकारी थी और उसकी खुफिया एजेंसियों को पता था कि नरसल्लाह कहां मिलेगा, कब मिलेगा। तभी अमेरिका से एक फोन आया और प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इजरायल के सबसे बड़े दुश्मन नसरल्लाह के खात्मे के लिए ग्रीन सिग्नल दे दिया। उसके खात्मे के लिए ऑपरेशन 'न्यू ऑर्डर' लॉन्च किया गया।
इस ऑपरेशन के तहत इजरायल ने हिजबुल्लाह की इमारत पर 3 तरफ से अटैक किया, 6 इमारतें टारगेट पर थीं। ब्लास्ट के बाद 4 बिल्डिंगें पूरी तरह जमींदोज हो गईं। ब्लास्ट इतना जबरदस्त था कि बेरुत से 30 किलोमीटर के दायरे में मौजूद इमारतों तक हिल गईं। इजरायल ने ऑपरेशन 'न्यू ऑर्डर' में जिन 2 तरह के बंकर बस्टर का इस्तेमाल किया उसमें पहला था, जीपीएस-गाइडेड जीबीयू-28 बंकर बस्टर बम। इस बंकर बम का वजन 2131 किलोग्राम है। इसकी लम्बाई 19 फीट और वॉरहेड का वजन 306 किलोग्राम है। ये बंकर बम 16 फीट गहरे कंक्रीट बंकर को भी भेदने की ताकत रखता है। ये बम फाइटर जेट से गिराए जाते हैं। हमले के बाद जमीन के अंदर 250 मीटर का इलाका पूरी तरह बर्बाद हो जाता है।
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