ग्वालियर में 60 वर्ष पूर्ण होने पर...
IITTM और NSD रेपर्टरी का पांच दिवसीय नाटय समागम आज से
ग्वालियर। भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के तहत एक अग्रणी संस्थान, भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान ( आईआईटीटीएम ), पर्यटन शिक्षा में इसकी उत्कृष्टता और इसके फ्लैगशिप सांस्कृतिक त्योहार, दिशा के लिए प्रसिद्ध, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) रेपर्टरी कंपनी कल 12 से 16 सितंबर तक ग्वालियर में पहली बार नाटय समारोह का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन रंग मंडल के साठ वर्ष पूर्ण होने पर हीरक जयंती रंग षष्ठि के रूप में होगा।
उक्त जानकारी बुधवार को पत्रकारों को देते हुये आईआईटीटीएम के निदेशक डा आलोक शर्मा एवं रंग मंडल के एक निर्देशक राजेश सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि यह ऐतिहासिक सहयोग है कि पहली बार 12 से 16 सितंबर 2024 तक आईआईटीटीएम ऑडिटोरियम, ग्वालियर में नाटय समारोह का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रदर्शन, मास्टरक्लास और कार्यशालाएं शामिल होंगी जो भारतीय रंगमंच की विविधता और समृद्धि का जश्न मनाती हैं।
उन्होने बताया कि इस अवसर पर कार्यक्रम में शाम सात बजे से लगभग 20 वर्षो से खेला जा रहा नाटय ताज महल का टेंडर, अंधा युग, बांयेन, माई रे मैं का से कहूँ और राजेश सिंह द्वारा निर्देशित बाबूजी जैसे प्रतिष्ठित भारतीय नाटकों का प्रदर्शन होगा, साथ ही अभिनय, मंच डिजाइन, संगीत, प्रकाश और उत्पादन प्रबंधन पर सेमिनार, कार्यशालाएं और मास्टरक्लास भी शामिल होंगे।
उन्होने बताया कि इस अवसर पर नाटय का शुभारंभ राजा मानसिंह कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के कुलगुरू साहित्य कुमार नाहर करेंगे। इस आयोजन में स्थानीय रंगमंच कलाकार और शिक्षार्थी भी भाग लेंगे, जिससे सभी उपस्थित लोगों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव सुनिश्चित होगा। उन्हांेने बताया कि पांचों दिन सुबह से सेमीनार मास्टर क्लास होंगी तथा 16 सितंबर को भारतीय ज्ञान परंपरा पाठन पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सचिव डा सच्चिदानंद जोशी भी अपने विचार रखेंगे।
उन्हांेने बताया कि रंग मंडल की स्थापना 1964 में की गई थी। तभी से रंग मंडल नाटक पर सेमीनार लोगों को जागरूक करने के साथ ही नाटक को बचाए रखने के पूरे प्रयास कर रहा है। उन्हांेने बताया कि 12 सितंबर से शुरू हो रहे इस उत्सव में लगभग 45 कलाकार भाग लेंगे। राजेश सिंह ने बताया कि वह षष्ठि वर्ष में 23 अगस्त से 9 सितंबर तक दिल्ली में सेमीपार नाटक का मंचन कर रहे थे। अब ग्वालियर में कार्यक्रम करने के बाद बिहार, नेपाल , भूटान श्रीलंका सहित अन्य भारत के राज्यों में बडे एवं छोटे स्थानों पर नाटक का मंचन करेंगे।
उन्होंने बताया कि इसके लिए इंडियन आयल कारपोरेशन ने उन्हें एक बस मुहैया कराई है इसमें बैठकर वह देश एवं विदेश में जाकर नाटक का मंचन सेमीपार एवं अन्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इस अवसर पर पत्रकारों द्वारा पूछे प्रश्न का उत्तर देते हुये निदेशक डा आलोक शर्मा एवं राजेश सिंह ने बताया कि एनएसडी से कई मूर्धन्य कलाकार निकले हैं। इसमें बालीवुड के कई नाम भी है। एक अन्य प्रश्न कि युवाओं को क्या कहेंगे के जबाब में उन्होंने कहा कि यह युवाओं को प्रेरित करने के लिए है। युवाओं को भी आगे बढकर नाटकों के प्रति आकर्षण बढाना चाहिये।
एक अन्य प्रश्न के नाटक संस्कृति समाप्त होती जा रही है के उत्तर में उन्होंने कहा कि हां चुनिंदा लोग नाटक देखने जा रहे हैं। जबकि एनएसडी में कई नामचीन सितारे रहे है। उन्होने कहा कि आजकल की चकाचैंध की दुनियां में लोग अपने बच्चों को नाटक की तरफ प्रेरित नहीं करते हैं। ऐसे पालकों की संख्या एक प्रतिशत भी नहीं है जो अपने बच्चों को नाटक या अन्य कला की ओर प्रेरित करें। इस अवसर पर आईआईटीटीएम के नोडल आफीसर सौरभ दीक्षित, मीडिया प्रमुख डा सीएस बरूआ, श्री अनिल जी आदि मौजूद थे।
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