स्पेशलिस्ट भवन का निरीक्षण करने पहुंचे थे स्वास्थ्य मंत्री...
गड़बड़ी और अनियमितता के चलते CIMS के डीन और मेडिकल सुप्रीटेंडेंट को किया सस्पेंड !
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल सोमवार को सिम्स और कोनी में बन रहे सुपर स्पेशलिस्ट भवन का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उसके बाद उन्होंने सिम्स में अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। सिम्स में लंबे वक्त से चल रहे गड़बड़ी, बेहाल स्वास्थ्य सेवाओं और अनियमितता को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने सिम्स के डीन के. के. सहारे मेडिकल सुपरिटेंडेंट एस के नायक को सस्पेंड कर दिया है। खबर मिल रही है की दोनों बड़े अधिकारियों ने वित्तीय अनियमितता और मेडिकल कॉलेज समेत अस्पताल संचालन में भारी लापरवाही की है। बैठक में वित्तीय अनियमितताओं और अस्पताल के संचालन में भारी लापरवाही के मामलों को सामने रखा गया। यह आरोप था कि अस्पताल की देखरेख और मेडिकल कॉलेज के संचालन में लापरवाही के चलते मरीजों को सुविधाओं का अभाव झेलना पड़ा।
वित्तीय अनुशासन की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट ने राज्य सरकार को हस्तक्षेप करने पर मजबूर कर दिया। सिम्स के डीन और मेडिकल सुप्रीटेंडेंट पर लगाए गए वित्तीय अनियमितता के आरोपों ने चिकित्सा प्रशासन के कार्यों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, इन आरोपों में सरकारी धन का दुरुपयोग, जरूरी चिकित्सा सुविधाओं की अनदेखी, और संसाधनों के प्रबंधन में गड़बड़ी शामिल है। इस घटना ने न केवल सिम्स के प्रशासन पर बल्कि पूरे चिकित्सा शिक्षा विभाग पर गहरी छाप छोड़ी है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मरीजों की जान से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा और जो भी इस प्रकार की गड़बड़ियों में शामिल होगा, उसे कड़ी सजा दी जाएगी।
सस्पेंड किए गए अधिकारियों के खिलाफ जल्द ही विभागीय जांच शुरू की जाएगी, जिससे इस मामले की गहराई से जांच हो सके। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के मंत्री ने आज सिम्स के विस्तार के रूप में कोनी में बन रहे मल्टी स्पेश्यालिटी हास्पिटल भवन का निरीक्षण किया। उन्होंने 31 अक्टूबर 2024 तक तमाम निर्माण, खरीदी एवं भर्ती के कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि राज्य स्थापना सप्ताह के दौरान इसका लोकार्पण किया जा सके। उन्होंने अस्पताल भवन एवं अब तक उपलब्ध की गई सुविधाओं का सूक्ष्मता से अवलोकन किया। उल्लेखनीय है कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की संयुक्त वित्तीय भागीदारी से लगभग 200 करोड़ रूपये की लागत से इस अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। छह गंभीर रोगों के मरीजों के इलाज के लिए इसमें 240 बेड की सुविधा है।
नया मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल ग्राउण्ड फ्लोर सहित 10 मंजिलों में बना है। मंत्री ने सभी मंजिलों में बने सुविधाओं और मशीन उपकरणों का निरीक्षण किया। सिम्स के इस विस्तारित अस्पताल भवन में छह विशेषज्ञ वाले विभाग- नेफोलॉजी, यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, सीटीव्हीएस, न्यूरोलॉजी और न्यूरो सर्जरी शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल शुरू करने के पहले फॉयर ऑडिट और लिफ्ट की ऑडिट कराने लेने के निर्देश दिए। इस अवसर पर विधायक सुशांत शुक्ला, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ भी साथ रहे इनके अलावा कमिश्नर चिकित्सा शिक्षा श्रीमती किरण कौशल, संचालक स्वास्थ्य ऋतुराज रघुवंशी, एमडी सीजीएमएससी पद्मिनी भोई, एनएचएम के एमडी जगदीश सोनकर , नगर निगम आयुक्त अमित कुमार उपस्थित रहे।
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