G.NEWS 24 : छत्तीसगढ़ में वंदे भारत ट्रेन पर पथराव करने वाले 5 आरोपी गिरफ्तार

रेलवे तथा ट्रेन की सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर चिंता...

छत्तीसगढ़ में वंदे भारत ट्रेन पर पथराव करने वाले 5 आरोपी गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में वंदे भारत ट्रेन पर पथराव की घटना ने सुरक्षा के सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना बागबाहरा रेलवे स्टेशन के पास हुई, जहां वंदे भारत ट्रेन के तीन कोच—C2-10, C4-1, और C9-78—पर अज्ञात असामाजिक तत्वों ने पत्थर फेंके, जिससे उनके शीशे टूट गए। इस घटना से रेलवे की सुरक्षा तथा ट्रेन की सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर चिंता व्यक्त की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, पथराव की घटना उस समय हुई जब वंदे भारत ट्रेन अपने ट्रायल रन पर थी। यह ट्रेन 16 तारीख से नियमित रूप से चलनी शुरू होने वाली है। ट्रायल रन के दौरान ट्रेन सुबह 7:10 बजे महासमुंद से निकली थी और बागबाहरा स्टेशन के पास पहुंचते समय, लगभग 9 बजे के करीब, कुछ असामाजिक तत्वों ने ट्रेन पर पत्थरबाजी की। 

इस पथराव के परिणामस्वरूप ट्रेन के तीन कोचों के शीशे टूट गए। खबर प्राप्त होने पर रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) ने त्वरित कार्रवाई की और पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। ये आरोपी बागबाहरा इलाके के निवासी बताए जा रहे हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान शिवकुमार बघेल, देवेंद्र कुमार, जीतू पांडे, सोनवानी, और अर्जुन यादव के रूप में हुई है। RPF के अफसर परवीन सिंह ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि ट्रायल रन के चलते ट्रेन में रेलवे की एक सपोर्टिंग टीम हथियारों से लैस थी, जिन्होंने तुरंत घटना की सूचना दी। आरपीएफ अफसर परवीन सिंह ने बताया, "कल वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल रन चल रहा था, जो सुबह 7:10 पर महासमुंद से रवाना हुई थी। लगभग 9 बजे बागबाहरा के पास ट्रेन पर कुछ असामाजिक तत्वों ने पथराव किया। हमारी सपोर्टिंग पार्टी उस समय ट्रेन में हथियारों के साथ मौजूद थी, जिन्होंने घटना की जानकारी दी। इसके बाद हमारी टीम ने तुरंत जांच शुरू की और पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।" 

आगे उन्होंने बताया, "गिरफ्तार किए गए आरोपी बागबाहरा इलाके के ही रहने वाले हैं। इनमें शिवकुमार बघेल नामक आरोपी का भाई पार्षद है। इन पांचों के खिलाफ रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 153 के तहत मामला दर्ज किया गया है।" धारा 153 के तहत किसी भी ट्रेन की यात्रा में जानबूझकर बाधा डालना, यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालने की कार्रवाई अपराध मानी जाती है। इस घटना ने रेलवे और यात्री सुरक्षा से जुड़े सवालों को एक बार फिर सतह पर ला दिया है। रेलवे पुलिस और आरपीएफ अब आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है और उन्हें आज ही रेलवे कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस मामले में रेलवे एक्ट 1989 की धारा 153 के तहत केस दर्ज किया गया है, जिसमें दोषी पाए जाने पर सख्त सजा का प्रावधान है।

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