G News 24 : अंतरिक्ष स्टेशन के एस्ट्रोनॉड हवा में मौजूद और शॉवर का पानी फ़िल्टर करके पीकर जीवित रहते हैं !

 रूस अपने अंतरिक्ष यात्रियों के पानी को कीटाणुरहित करने के लिए चांदी का उपयोग करता है !

अंतरिक्ष स्टेशन के एस्ट्रोनॉड हवा में मौजूद और शॉवर का पानी फ़िल्टर करके पीकर जीवित रहते हैं !

स्पेस में अंतरिक्षयात्रियों को पीने का पानी कहां से मिलता है? क्या वे कोई टैंकर साथ लेकर जाते हैं या वहां कोई पहुंचाता है. एक बार सोचिए तो ऐसे कई सवाल आपके मन में आने लगेंगे. सुनीता विलियम्स कई हफ्ते से स्पेस में हैं और अभी लौटने की तारीख भी तय नहीं है तो वह पानी कैसे पीती होंगी? 

स्पेस में भी चाहिए पानी !

पहली बात तो यह जान लीजिए कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर रहने वाले अंतरिक्षयात्रियों की भी बुनियादी जरूरतें वही होती हैं, जो पृथ्वी पर आम लोगों को होती हैं. उन्हें भी भोजन, पानी, सांस लेने के लिए ऑक्सीजन यानी हवा और टॉयलट का इस्तेमाल करने की जरूरत होती है. समस्या यह है कि सब कुछ स्टेशन तक पहुंचाना आसान नहीं है. यह काफी खर्चीला होगा. 

हां, अगर एक गैलन (4-5 लीटर पानी वाला) पानी धरती से स्पेस स्टेशन तक पहुंचाना हो तो इसमें 83,000 डॉलर खर्च आएगा. एक रिपोर्ट के मुताबिक अंतरिक्ष यात्री को पीने और दूसरे काम के लिए रोज 12 गैलन पानी की जरूरत होती है. इस तरह से तो मिशन पर होने वाले खर्चे का बड़ा हिस्सा पानी पहुंचाने में ही चला जाएगा. बार-बार पानी के टैंक को ISS पर नहीं भेजा जा सकता है. 

नहीं, नल तो नहीं लेकिन NASA ने एक वाटर सिस्टम जरूर लगा रखा है जो पीने योग्य तरल पदार्थों की आखिरी बूंद भी निचोड़ लेता है. इससे अंतरिक्षयात्रियों को फिल्टर वाला पानी मिल जाता है. इसमें शॉवर का पानी भी होता है. इमर्जेंसी के लिए स्टेशन पर लगभग 530 गैलन पानी भी रखा जाता है. आईएसएस पर ये जल सिस्टम अंतरिक्षयात्रियों की पीने के पानी की जरूरत को पूरा करने के साथ ही शॉवर से नमी को इकट्ठा भी करता रहता है. इसे फिल्टर करके फिर से पीने और इस्तेमाल करने योग्य पानी तैयार किया जाता है. 

एक्सपर्ट बताते हैं कि इसका टेस्ट बोतलबंद पानी की तरह ही होता है. वैसे, स्टेशन के सभी अंतरिक्षयात्री रिसाइकल किया पानी नहीं पीते हैं. ISS दो हिस्सों में बंटा है. एक रूस संचालित करता है और दूसरा अमेरिका. अमेरिका के पास दो अलग-अलग जल प्रणाली है. इसके जरिए रोज लगभग 3.6 गैलन पीने योग्य पानी बनाने के लिए शॉवर का पानी इकट्ठा किया जाता है. दूसरी ओर रूसी अंतरिक्ष यात्री केवल शॉवर का पानी और हवा में मौजूद पानी को एकत्र कर रिसाइकिल किया हुआ पानी पीते हैं. इसमें 3.6 गैलन से कम उत्पादन किया जाता है. 

आईएसएस के दोनों किनारे अपने पानी को दो अलग-अलग तरीकों से कीटाणुरहित करते हैं. करीब 50 साल से नासा पानी को कीटाणुरहित करने के लिए आयोडीन का उपयोग कर रहा है. यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके लिए पानी को फिल्टर करने की आवश्यकता होती है क्योंकि ज्यादा आयोडीन थायरॉयड की समस्या पैदा कर सकता है. रूस (सोवियत संघ) अपने पानी को कीटाणुरहित करने के लिए चांदी का उपयोग करता है. 


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