किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जावेगा :अधिष्ठाता डॉ. आरकेएस धाकड़
जूनियर महिला डॉक्टर से अभद्रता और मारपीट पर पीजी छात्र डॉ. हितेंद्र यादव निलंबित !
ग्वालियर। पीएसएम विभाग के पीजी छात्र डॉ. हितेंद्र यादव के अभद्रता और मारपीट करने वाले वायरल विडियो को संज्ञान में लेते हुए अधिष्ठाता डॉ. आरकेएस धाकड़ द्वारा एक तीन सदस्यीय समिति गठित की है। कमेटी द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही है किंतु अधिष्ठाता द्वारा प्रथम दृष्टया मामले की गंभीरता को देखते हुए पीजी छात्र डॉ. हितेंद्र यादव को तुरंत प्रभाव से आगामी आदेश तक निलंबित किया गया है।
अधिष्ठाता द्वारा स्पष्ट संदेश है कि महाविद्यालय एवं संबद्ध परिसर में किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जावेगा। महाविद्यालय प्रबंधन ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रहा है। अत: साथ ही अधिष्ठाता डॉ. आरकेएस धाकड़ द्वारा छात्राओं से अपील की गयी है कि इस प्रकार की यदि कोई घटना भविष्य में घटित होती है तो वे निडर होकर अधिष्ठाता, जो कि उनके स्थानीय पालक भी होते हैं, को इसकी सूचना दे सकते हैं।
गौरतलब है कि डॉ हितेंद्र यादव सागर में सरकारी नौकरी में पदस्थ है। उसने पीजी करने के लिए ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया है। आरोप यह भी है कि वह नियमों के विरुद्ध प्रदेश जुड़ा अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाले हुए हैं। यही वजह है कि इस मामले में स्थानीय जुड़ा जिलाअध्यक्ष और पीडि़ता जूनियर महिला डॉक्टर्स अभी तक पुलिस कार्रवाई को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाए हैं।
इतनी रात को क्या कर रहीं थे छात्र-छात्राएं? बीती रात 12 बजे केआरएच परिसर की कैंटीन के बाहर हुई इस घटना को लेकर जीआरएमसी प्रबंधन ने प्रारंभिक तौर पर डॉ. यादव का निलंबन तो कर दिया, लेकिन अब सवाल ये भी उठता है कि आखिर रात 12 बजे के बाद पीजी छात्राएं वहां कर क्या रही थी?
ये सवाल इसलिए क्योंकि रात 10 बजे के बाद पीजी छात्राओं को अपने हॉस्टल से बाहर जाने की मनाही है। असल में कोलकाता मामले को लेकर जीआरएमसी सहित देश भर के चिकित्सकों और जूनियर डॉक्टरों ने नाराजगी जताई थी और पूर्ण सुरक्षा की मांग की थी। इसी के चलते जूनियर डॉक्टरों की सुरक्षा व्यवस्था को और ज्यादा सख्त किया गया था। बावजूद इसके छात्र-छात्राएं आधी रात को आखिर वहां क्या कर रहें थे? इस सवाल का जवाब भी जांच समिति खोज रही है।
इस मामले में डीन जीआरएमसी डॉ. आरकेएस धाकड़ का कहना है कि पीजी छात्र को प्रथम दृष्टया निलंबित किया गया है। वहीं मामले की जांच जारी है। कॉलेज हो या फिर अस्पताल परिसर किसी की भी अभद्रता और अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कॉलेज के छात्र- छात्राओं के हम स्थानीय पालक है इसलिए इस प्रकार की कोई घटना अगर भविष्य में होती है तो वह निडर होकर हमे जानकारी दे सकते हैं।
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