G News 24 : डिजिटली लोगों तक पहुंच बनाकर स्थापित व्यापार को भी बना सकते हैं स्टार्टअप : नीलेश त्रिवेदी

 व्यवसायियों एवं उद्यमियों को जानकारी प्रदान करने के उद्देश्‍य से तीन दिवसीय कार्यशाला...

डिजिटली लोगों तक पहुंच बनाकर स्थापित व्यापार को भी बना सकते हैं स्टार्टअप : नीलेश त्रिवेदी

ग्वालियर । स्थापित व्यवसाय को कैसे परिवर्तित कर सकते है स्टार्टअप में, भारत सरकार के इस प्रावधान पर व्यवसायियों एवं उद्यमियों को जानकारी प्रदान करने के उद्देश्‍य से तीन दिवसीय पीएम विश्वकर्मा मेले के तहत ‘चेम्बर भवन` में सायं 4.00 बजे कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

इस अवसर पर स्वागत उद्बोधन में अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि स्टार्टअप का नाम सुनते ही हमारे मन में कोई नया इनोवेशन किसी यूथ के द्बारा किया जाना ही जहन में आता है लेकिन स्टार्टअप नीति के तहत स्थापित व्यवसाय में यदि आप कोई कुछ अलग करते हैं तो वह भी स्टार्टअप के तहत आ सकता है। इसी उद्देश्‍य को लेकर आज की कार्यशाला आयोजित की गई है। इस कार्यशाला में हम कैसे अपने स्थापित व्यवसाय को स्टार्टअप बना सकते हैं। इस विषय में जानकार हम लाभांवित होंगे। 

कार्यक्रम का संचालन कर रहे मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल ने कहा कि चेम्बर द्बारा व्यापार एवं उद्योग के विकास के लिए निरंतर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं। आपने बताया कि एक कार्यक्रम मैनेजमेंट डवलमेंट प्रोग्राम (MDP) शीघ्र ही प्रस्तावित है जो कि 30 घंटों का कार्यक्रम होगा। यह कार्यक्रम भी हम एमएसएमई डीएफओ, इंदौर के साथ आयोजित करेंगे। 

कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में पधारे एमएसएमई, डीएफओ इंदौर के सहायक निदेशक-श्री नीलेश त्रिवेदी अपने उद्बोधन में कहा कि स्टार्टअप की परिभाषा के अनुरूप यदि कोई इनोवेशन जो कि नोबल हो और उसकी एप्रोच ज्यादा से ज्यादा लोगों तक हो वह स्टार्टअप कहलाता है। इसी प्रकार यदि कोई एक किराना व्यवसायी है जो कि किराना का सामान पारंपरिक तरीके से हटकर किसी एप के द्बारा सामान को ग्राहक के घर तक पहुंचाता है तो  उसने अपने परंपरागत व्यापार में एक नया इनोवेशन किया है और उसकी एप्रोच अब अधिक लोगों तक हो गई है तो यह स्टार्टप ही कहलायेगा। भारत सरकार की स्टार्टअप नीति में यह इनोवेशन शामिल है। इसलिए आप भी अपने स्थापित व्यापार में इनोवेशन करके स्टार्टअप में पंजीकरण करा सकते हैं। केन्द्र सरकार द्बारा अब ट्रेडर्स को भी एमएसएमई कैटेगरी में शामिल कर लिया है। इसके लिए आपको उद्यम रजिस्ट्रेशन कराना है, इसे सभी ट्रेडर्स आवश्‍यक रूप से करायें। स्टार्टटप में शामिल होने से आपको कोलेटरल फ्री लोन मिलेगा। एमडीपी की सुविधा आपके लिए है। इसके साथ ही र्स्टाटअप के तहत पंजीकृत होने पर आपको इनकम टैक्स से छूट भी मिलेगी। इसके साथ ही, केन्द्रीय बजट में स्टार्टप में निवेश करने वाले इंवेस्टर्स पर एंजिल टैक्स अब समाप्त कर दिया गया है। आपने बताया कि अब तक एक लाख स्टार्टअप पंजीकृत हो चुके हैं और इसमें 115 यूनिकॉर्न स्टार्टप हैं। 

कार्यशाला के अंत में उपस्थित उद्यमियों द्बारा अपनी जिज्ञासाओं संबंधी प्रश्नों का हुआ समाधान !

कार्यशाला में कार्याकारिणी समिति सदस्य-अंकुर अग्रवाल, आशुतोष मिश्रा, संजय कुमार अग्रवाल, श्रीमती अंजलि गुप्ता, नंदकिशोर गोयल, अनूप साहू, आशीष अग्रवाल, नरेन्द्र कुमार मंगल सहित एमएसएमई उपसमिति के संयोजक-संजय धवन एवं काफी संख्या में सदस्यगण उपस्थित रहे।

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