सिखों को लेकर राहुल गांधी के बयान का आतंकी पन्नू ने किया समर्थन...
राहुल गांधी का बयान,सिख फॉर जस्टिस के अलग खालिस्तान देश की मांग को जस्टिफाई करता है :पन्नू
राहुल गांधी जिस तरह से कुंठित होकर बगैर सोचे समझे अंतर्राष्ट्रीय मंचों से बयानबाजी कर रहे हैं उस से देश का भला तो बिल्कुल भी नहीं होने वाला है, हां देश की इकोनामी,इमेज जरूर डेमेज होगी। और देश में वे अभी तक तो हिन्दुओ को लेकर बयान बाजी करते थे अब उन्होंने सिखों को भी अपनी ओछी राजनीति में घसीटने का प्रयास कर रहे हैं। अभी तक जाति के नाम पर हिन्दुओं को बांटना चाहते थे और अब देश प्रेमी सिखों को भी बे-सिर पैर की बयान बाजी करके आपस में बांटना चाहते हैं। यही कारण है कि उनके सिखों पर दिए गए बयान को देस द्रोही आतंकी पन्नू ने ग्लोरिफ़ाई किया है।
कांग्रेस के नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ओर से अमेरिका में सिखों को लेकर दिए गए बयान की जहां भारत में बीजेपी से जुड़े सिख नेताओं ने आलोचना की है, तो वहीं अब इसके समर्थन में खालिस्तान की मांग करने वालाा आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू आ गया है. उसने राहुल गांधी के इस बयान का समर्थन किया है.
गुरपतवंत सिंह पन्नू ने राहुल गांधी के बयान को सही ठहराते हुए कहा कि राहुल ने काफी बोल्ड स्टेटमेंट दिया है. उनका ये बयान सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के अलग खालिस्तान देश की मांग को जस्टिफाई करता है. पन्नू ने कहा कि भारत में सिखों की हालत पर राहुल गांधी ने जो बयान दिया है वो न केवल साहसिक है बल्कि 1947 के बाद से भारत में सिखों पर हो रहे अत्याचार को दिखाता है. यह पंजाब की आजादी के लिहाज से सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के रुख की भी पुष्टि करता है.
बता दें कि आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू अलग खालिस्तान देश की मांग को लेकर लंबे समय से विदेश में प्रोपेगेंडा चला रहा है. एजेंसियों के मुताबिक, पन्नू पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के एजेंडे के तहत काम करता है. भारत में भी पन्नू ने अलग खालिस्तान देश की मांग को लेकर रेफरंडम चलाने की कोशिश की थी, जिसको लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था. पन्नू के खिलाफ NIA ने भी केस दर्ज कर रखा है.
राहुल गांधी ने वर्जीनिया में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है. लड़ाई राजनीति के बारे में नहीं है.. यह सतही है. आपका नाम क्या है? लड़ाई इस बारे में है कि क्या...एक सिख के तौर पर उन्हें भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाएगी या एक सिख के तौर पर उन्हें भारत में कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी... या फिर एक सिख गुरुद्वारा जा सकेगा. असल मायनों में लड़ाई इसी को लेकर है और सिर्फ इनके लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है.
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