G News 24 : प्रयागराज के एक मदरसे में मिली जाली नोट छापने की मशीन !

  आरएसएस के खिलाफ लिखी गयी किताबें ऑनलाइन बिक रही है...

प्रयागराज के एक मदरसे में  मिली जाली नोट छापने की मशीन !

प्रयागराज। उत्तरप्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज के एक मदरसे में ऐसा सनसनी खेज खुलासा हुआ है जो हैरान कर देने वाला है। यह मदरसा नकली नोट छापने का कारखाना बना हुआ था। प्रयागराज पुलिस ने मदरसे से संचालित होने वाले नकली नोट छापने के गिरोह का खुलासा करते हुए 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। नकली नोट छापने का कारखाना बना यह मदरसा प्रयागराज शहर के अतरसुईया इलाके में स्थित है। मदरसे का नाम जामिया हबीबिया है। यहां बड़ी संख्या में स्टूडेंट तालीम हासिल करते हैं। मदरसे के एक हिस्से में मस्जिद भी है।

मदरसे में 28 अगस्त को पुलिस ने छापेमारी की तो इस छापेमारी के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए। छापेमारी के बीच पुलिस को र्सिु जाली नोट और जाली नोट छापने की मशीन ही नहीं थी बल्कि पुलिस को कुछ आपत्तिजनक किताबें भी मिली है। पुलिस छापेमारी के दौरान एक्सक्लूसिव पिक्चर भी मिली है। ऐसी ही एक किताब इस मदरसे में मिली जिसमें आरएसएस के खिलाफ बातें लिखी हुई है।

यह किताब महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एसएम मुशर्रफ द्वारा लिखी गयी है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र के रिटायर आईजी मुशर्रफ ने मुंबई 26/11 को लेकर भी कई आपत्तिजनक किताबें लिखी थी। यह सभी किताबे ऑनलाईन बिक रही है।

जाली नोट और RSS के खिलाफ किताब का कनेक्शन क्या ?

अब सवाल उठता है कि आतंकी संगठन बताते हुए लिखी इस किताब का मकसद क्या था? इसकी पुलिस जांच कर रही है। लेकिन सूत्रों की मानें तो इस मदरसे में पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों के नौजवान पढ़ने के लिए आते थे। ऐसे में संघ के खिलाफ जहर घोलने वाले किताब की मदरसे से बरामदगी और मदरसे में जाली नोट की फैक्ट्री का क्या कनेक्शन है, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. पुलिस ये जांच भी कर रही है कि क्या मदरसे में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के दिमाग में संघ के खिलाफ जहर तो नहीं भरा जा रहा था।

आरोपियों पर एनएसए की तैयारी में पुलिस

उधर, इस मामले में पुलिस का एक्शन शुरू हो गया है। प्रयागराज पुलिस ने सभी आरोपियों को आगे की पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड के लिए कोर्ट में अर्ज़ी दी है। जांच में तथ्यों के आधार पर चीजें सामने आने के बाद एनएसए या गैंगस्टर लगाने की कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही आरोपियों के बैंक एकाउंट्स की डिटेल्स भी निकाली जा रही है। इस मामले में पुलिस ने मदरसे के प्रबंधक से पूछताछ की है और पूछताछ में पता लगा है कि बिहार, बंगाल और उड़ीसा के लोग भी इस मदरसे में रहते थे.मदरसे के देखरेख करने वाले मौलवी ने  बताया कि प्रिंसिपल ने अपने कमरे में हर किसी के जाने पर रोक लगा रखी थी. बिना पूछे उनके ऊपर कमरे में कोई नहीं जाता था।

ऐसे छापे जाते थे 100 रुपये के जाली नोट

प्रयागराज पुलिस के मुताबिक यह मदरसा पिछले कई महीनों से नकली नोट छापने का अड्डा बना हुआ था। यहां सिर्फ 100-100 रुपये के ही नोट छापे जाते थे। प्रयागराज के डीसीपी सिटी दीपक भूकर के मुताबिक नकली नोट छापने और इसे बाजार में खपाने के गोरख धंधे में मदरसे का कार्यवाहक प्रिंसिपल भी शामिल था। उसने नकली नोट छापने वालों को मदरसे का एक कमरा दे रखा था. इसके बदले वह मोटा कमीशन लेता था।

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