राहुल गांधी का भारतीय लोगों, उनकी संस्कृति और परंपराओं से कोई लेना-देना नहीं है !
अमेरिका में राहुल गांधी के ऊल-जलूल बयान उनकी कुंठित मानसिकता को दर्शाते हैं !
राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं इसलिए उनकी देश के प्रति जिम्मेदारी और जबावदारी ज़यादा बढ़ जाती है लेकिन उनके ऊल-जलूल बयान न सिर्फ उनकी छवि ख़राब कर रहे हैं बल्कि देश की प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचाने का काम कर रहे हैं उनकी इस प्रकार की हरकतें उनकी कुंठित मानसिकता को दर्शाती हैं. वे देश के बाहर देश की छवि खराब करना देशद्रोह जैसा अपराध कर रहे है।
वे भारत जोड़ो यात्रा निकालकर भी भारत से नहीं जुड़ सके, ये बात केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कही। उनका कहना है कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी के लोग लगातार हारने से वे कुंठित हो गए हैं। दरअसल, इन दिनों राहुल गांधी अमरीका के दौरे पर हैं। इस दौरे के दौरान उन्होंने आरएसएस की जो आलोचना की है, उसपर बवाल मचा हुआ है। राहुल गांधी ने कहा कि आरएसएस भारत को केवल एक विचार की तरह देखता है। संघ की विचारधारा संकुचित और एकपक्षीय है।
उन्होंने कहा कि भारत बहुत सारे विचारों से मिलकर बना है। यहां हर एक को सपने देखने की इजाजत मिलनी चाहिए। ये देखे बगैर कि वो किस धर्म का है किस रंग का है।बता दें कि राहुल गांधी ने टेक्सास यूनिवर्सिटी में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी की भी आलोचना की। उन्होंने हालिया लोकसभा चुनाव का जिक्र किया और कहा कि चुनाव में भारत की जनता को ये पता चल गया कि पीएम संविधान पर हमला कर रहे थे।
इधर, शिवराज सिंह ने उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की राजनीति का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस, भाजपा आदि दलों की राजनीति राष्ट्र तक सीमित होनी चाहिए और किसी को यह एहसास होना चाहिए कि वह विदेश में रहते हुए देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, "जब मैं मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते हुए अमेरिका गया था, तो मुझसे पूछा गया था कि क्या भारत के प्रधानमंत्री कमतर साबित हुए हैं। उस समय मैंने जवाब दिया था कि भारत के प्रधानमंत्री कभी भी कमतर साबित नहीं हो सकते।" चौहान ने गांधी की इस टिप्पणी की आलोचना की है कि भारत में सब कुछ "मेड इन चाइना" है और कहा कि इस तरह के बयान देश के कुशल कार्यबल का अपमान करने के समान हैं।
श्री चौहान ने कहा, "पहले ऐसा होता था जब बहुत कम चीजें आयात की जाती थीं। अब भी देश में जरूरत के हिसाब से बहुत कम चीजें आयात की जाती हैं। लेकिन भारत के कुशल मजदूर और कर्मचारी स्वदेशी तरीके से बहुत सी चीजें बना रहे हैं, लेकिन गांधी उनका अपमान कर रहे हैं। राहुल गांधी की जड़ें भारत की धरती से जुड़ी नहीं हैं। उनका भारतीय लोगों, उनकी संस्कृति और परंपराओं से कोई लेना-देना नहीं है।
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