G News 24 : मां की आवाज के सहारे 17 घंटे मौत से किया संघर्ष,40 फीट गहरे बोरवेल से सकुशल बहार आई नीरू !

 दौसा में डेढ़ साल की मासूम बच्ची को करीब 17 घंटे बाद बोरवेल से निकाल लिया गया ....

मां की आवाज के सहारे 17 घंटे मौत से किया संघर्ष,40 फीट गहरे बोरवेल से सकुशल बहार आई नीरू !

राजस्थान के दौसा में डेढ़ साल की मासूम बच्ची को करीब 17 घंटे बाद बोरवेल से निकाल लिया गया है. पूरा देश उसके लिए प्रार्थना कर रहा था. आज सुबह 10 बजे बच्ची को बाहर निकाला गया. कल वह बच्ची खेलते समय बोरवेल में गिर गई थी. बच्ची तक ऑक्सीजन और खाने-पीने का सामान पहुंचाया जा रहा था लेकिन सबसे ज्यादा हिम्मत उसे अपनी मां की आवाज से मिली.

पानी पीयेगी न तू... ये पानी की बोतल पकड़, ये आई, पानी पीले. देख पानी आ गो, पी ले पी ले... बोरवेल में फंसी मासूम से यह कहते हुए मां के आंसू बह निकले. स्क्रीन पर वह बच्ची के मूवमेंट को देख रही थी. अपने कलेजे के टुकड़े को मुश्किल में देख एक मां भला कैसे शांत रहती. बच्ची लगातार बोरवेल के मुंह की तरफ देख रही थी. 

जब थकती तो सिर नीचे कर लेती. बोरवेल में 40 फीट नीचे पहुंचना इतना आसान नहीं था. ऐसे में बेबस मां ने खुद को संभाला और फिर से माइक के सहारे बच्ची का हौसला बढ़ाने लगी. राजस्थान के दौसा में 'ऑपरेशन जिंदगी' सफल रहा और आज सुबह रेस्क्यू टीम की मेहनत और मां से मिल रहे हौसले की बदौलत डेढ़ साल की नीरू बोरवेल से बाहर निकाल ली गई. 

बच्ची को जब बोतल में पानी भेजा गया तो उसे पिया भी...

बगल में एक सुरंग बनाई गई थी. सुबह 9 बजे तक 18 फीट गड्ढा खोदा जा चुका था. उधर, बोरवेल में फंसी बच्ची तक खाने-पीने का सामान पहुंचाया जा रहा था. पाइप के जरिए ऑक्सीजन भी पहुंचाई जा रही था. स्क्रीन पर पल-पल की मॉनिटरिंग की जा रही थी. आज सुबह बच्ची को जब बोतल में पानी भेजा गया तो उसे पिया भी. 'ज़ी न्यूज' संवाददाता विनय पंत ने खबर दी थी कि एनडीआरएफ ने कुछ विशेष इक्विपमेंट बनाए हैं, उसका भी दौसा में इस्तेमाल किया जा रहा है. 

नीरू के लिए देश कर रहा था प्रार्थना

बोरवेल में फंसी डेढ़ साल की नीरू के लिए पूरा देश प्रार्थना कर रहा था. वह कल शाम से ही करीब 40 फीट नीचे गहराई में अटकी हुई थी. राहत की बात यह थी कि बच्ची मूवमेंट कर रही थी और अपनी मां से बात भी कर रही थी. बोरवेल में रिंग बनाकर डाला गया. एनडीआरएफ की टीम बोरवेल के बगल में खुदाई कर बच्ची को बचाने के महाअभियान में जुटी रही. हालांकि खराब मौसम और बारिश के कारण बार-बार परेशानी आ रही थी. मिट्टी ढह रही थी लेकिन टीम ने कोशिश नहीं छोड़ी. 

पहले कोशिश की जा रही थी कि बच्ची को सीधे बोरवेल से ही ऊपर निकाला जाए लेकिन मासूम घबराने के साथ ही इंस्ट्रक्शंस समझ नहीं पा रही थी. रेस्क्यू टीम ने बच्ची को बाहर निकालने के लिए एंगल सिस्टम से दो बार कोशिश की लेकिन दोनों बार सफलता नहीं मिलने के बाद फिर से बोरवेल के आसपास की खुदाई जारी की गई. 

कल रात से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था. सड़क पर खेलते समय नीरू बोरवेल में गिर गई थी. मां उस समय लाइट चेक करने गई थी. पांच मिनट के अंदर ये सब हो गया. दूसरी बच्ची ने मां को बताया कि नीरू गायब हो गई है. बाद में बच्ची की आवाज सुनी गई तो हड़कंप मच गया. बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रशासन तीन जेसीबी मशीनों से खुदाई कर रहा था. यह घटना बांदीकुई थाना क्षेत्र के जोधपुरिया गांव की है. पहले भी देश के कई इलाकों में बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. 

Reactions

Post a Comment

0 Comments