अब हिंदू-घृणा पर उतरी कांग्रेस सरकार...
बस में हनुमान जी की फोटो देखकर भड़का कट्टर मुस्लिम
कर्नाटक में अभी कांग्रेस की सरकार है। मतलब मुस्लिम तुष्टिकरण चरम पर। और यह सिर्फ आरोप नहीं है, ना ही किसी राजनीतिक दल ने ऐसा आरोप लगाया है। मुस्लिम तुष्टिकरण सच में वहाँ किया जा रहा है, वो भी विभागीय स्तर पर। एक सरकारी बस पर बजरंग बली की फोटो क्यों और कैसे लगी, किसने लगाई… ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट अब इसकी जाँच करेगी। KA-10 F-0455, यह एक बस का नंबर है। कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की यह बस गुंडलूपेट से चिकमगलूर तक चलती है। इस बस पर बजरंग बली की फोटो क्यों लगी, विभाग अब इसकी जाँच करेगा। बजरंग बली की फोटो से दिक्कत किसे ? क्यों कर्नाटक का ट्रांसपोर्ट विभाग इसकी जाँच करने जा रहा? यह सब हुआ आरिफ अरवाह नाम के एक कट्टर इस्लामी की वजह से।
31 जुलाई 2024 को आरिफ को यह बस दिख गई। उसने इसकी फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी। साथ ही KSRTC को टैग करके उसने हनुमान जी की फोटो से संबंधित सवाल भी पूछ लिया। हिंदू-घृणा से सना कोई कट्टर मुस्लिम हनुमान जी की फोटो देखे और फट पड़े, यह आश्चर्य की बात नहीं। लेकिन खबर यह है कि ऐसे कट्टर मुस्लिम और उसकी सोच को कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की तरफ से जवाब भी मिला। जवाब भी ऐसा, जिससे हिंदू-घृणा की बू आए। आरिफ अरवाह के ट्वीट पर KSRTC ने जवाब दिया, “आपने जो पोस्ट किया, उसके लिए धन्यवाद। हम इसे (हनुमान जी की फोटो लगे बस को) संबंधित डिपो में फॉर्वर्ड कर रहे हैं, इसकी जाँच करवाएँगे।”
सोशल मीडिया पर उसने जो प्रोफाइल लगाई है, उसके अनुसार वो चिकमगलूर विधानसभा क्षेत्र में SDPI (Social Democratic Party of India) का महासचिव है। आखिर SDPI क्या है? भारत में जिस आतंकी संगठन PFI को बैन किया जा चुका है, SDPI उसी की राजनीतिक फ्रंट है। आरिफ अरवाह के एक्स हैंडल पर जो हेडर में लगा फोटो/ग्राफिक्स है, उसमें वो फ्री फिलिस्तीन की उम्मीद लगाए बैठा है। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर जो डीपी इसने लगाई है, उसमें यह भूख और भय से आजादी की बात करता है। अगर ऐसा है तो हनुमान जी की फोटो देख कर कांग्रेसी आकाओं तक को क्यों याद करने लगे आरिफ ?
जनता की याददाश्त अपने घर-परिवार संभालने के चक्कर में 2-4-10 दिनों की ही होती है। इसलिए याद दिलाना जरूरी है कि कर्नाटक में मुस्लिम रिजर्वेशन की शुरुआत कांग्रेस पार्टी ने ही किया था। जब इसे BJP की सरकार ने खत्म कर दिया तो साल 2023 में कांग्रेस ने इस आरक्षण को फिर से देने की बात अपने मेनिफेस्टो में भी कह डाली थी। कर्नाटक में 2011 की जनगणना के हिसाब से मुस्लिम कुल जनसंख्या का 12% हैं। आरक्षण के नियमों की कैटेगरी 2B में मुस्लिमों की सभी जातियों को शामिल किया गया है। कैटेगरी 2A में भी मुस्लिमों की 19 जातियाँ हैं। जबकि कैटेगरी 1 में 17 जातियाँ इस्लामी हैं। स्थानीय निकाय के चुनावों में भी जो सीटें OBC समाज के लिए आरक्षित हैं, वहाँ भी मुस्लिमों को चुनाव लड़ने की इजाजत है।
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