तीन दिन के अंदर अखबारों में खेद प्रकाशित करवाने और 10 करोड़ रुपए...
भाजपा नेता शाह ने दिग्विजय सिंह को भेजा मानहानि का नोटिस
मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड की लगभग 100 करोड़ रुपये की बेशकीमती जमीन से जुड़े मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सियासत उन पर ही भारी पड़ती दिख रही है। मामले में हुई शिकायत पर पुलिस की जांच के बिना सोशल मीडिया पर जानकारी शेयर करने को लेकर प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्ष नासिर शाह ने दिग्विजय सिंह को 10 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। नासिर शाह ने तीन दिन के भीतर दिग्वियज सिंह से उनकी पोस्ट का खंडन करने और खेद प्रकाशित करवाने की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा उपाध्यक्ष नासिर शाह ने मानहानि का लीगल नोटिस भेजा है। नोटिस में तीन दिन के अंदर अखबारों में खेद प्रकाशित करवाने और 10 करोड़ रुपए मानहानि के एवज में देने के लिए कहा है। ऐसा नहीं करने पर कोर्ट केस की बात कही है। दिग्विजय सिंह ने वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा करने के आरोपों की जांच के लिए केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और केन्द्रीय वक्फ परिषद के अध्यक्ष किरेन रिजिजू को लेटर लिखा है। लसूड़िया थाने में 10 अगस्त को कमेटी सचिव ने आवेदन दिया है। पूरे मामले को दिग्विजय सिंह ने फेसबुक आईडी पर भी पोस्ट किया। जांच से पहले इस तरह नाम सार्वजनिक कर मानहानि की बात नासिर शाह की तरफ से लीगल नोटिस में कही गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने किरन रिजिजू को 12 अगस्त को लेटर लिखा है। जिसमें कहा गया है कि लसुड़िया थाना शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें इंदौर बाइपास स्थित कोकिला बेन हॉस्पिटल और एडवांस एकेडमी से लगी मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड की 100 करोड़ रुपए की बेशकीमती जमीन पर नासिर शाह और अन्य के द्वारा बाउंड्री वॉल बना कर कब्जा करने की शिकायत की है। जमीन का केस उच्च न्यायालय में चल रहा है। कोर्ट ने स्टे देते हुए स्थिति यथावत रखने के आदेश दिए हैं। स्टे के बावजूद नासिर शाह और अन्य द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र में सामाजिक तनाव की स्थिति पैदा हो रही है। मामले में निर्माण रोकने और कोर्ट की अवहेलना करने पर इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। मामले में बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे के एक पदाधिकारी द्वारा भी हस्तक्षेप कर दबाव बनाया जा रहा है। एक तरफ केंद्र सरकार वक्फ प्रॉपर्टी प्रबंधन को लेकर संसद में बिल ला रही है, वहीं उनके समर्थक कब्जा करने वालों में को संरक्षण दे रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा उपाध्यक्ष नासिर शाह ने दिग्विजय सिंह को लीगल नोटिस भेजा है। जिसमें कहा है कि आपके द्वारा अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और केन्द्रीय वक्फ परिषद के अध्यक्ष किरेन रिजिजू और मप्र शासन के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को प्रेषित पत्र में नासिर शाह का नाम जिस प्रकार से उल्लेखित किया गया है और साजिद रॉयल द्वारा प्रस्तुत शिकायती आवेदन पत्र की जांच पूरी होने के पहले सार्वजनिक रूप से अपने फेसबुक हैंडल पर लेटर को पोस्ट किया है। नासिर शाह और अन्य मुस्लिम नेताओं पर टिप्पणी की गई है। इसके लिए आप सार्वजनिक रूप से सूचना पत्र प्राप्ति के 3 दिन के अंदर प्रमुख समाचार पत्रों में खेद प्रकाशित करवाने के साथ-साथ नासिर शाह को उनकी सामाजिक और राजनीतिक ख्याति की मानहानि की क्षतिपूर्ति के रूप में 10 करोड़ रुपए अदा करें। वरना आपके खिलाफ कोर्ट में मानहानि का केस करेंगे।
इंदौर के पॉश इलाके में स्थित खसरा नंबर 170 की करोड़ों रुपए की वक्फ जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही थी। मामले को लेकर हुई शिकायत के बाद प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाई और अतिक्रमण की कोशिश ध्वस्त कर दी गई। इस मामले को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर की थी। जिसमें इस मामले में मुस्लिम समुदाय के लोगों को कब्जाधारी बताया गया था। साथ ही इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा अतिक्रमणकारियों को सहयोग करने का आरोप भी उन्होंने लगाया था।
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