G.NEWS 24 : जन्माष्टमी महोत्सव पर पर करोडों के गहनों से सजेगें श्री राधा-कृष्ण भगवान

गोपाल मंदिर पर भव्य एवं धूम-धाम से मनाया जाएगा...

जन्माष्टमी महोत्सव पर पर करोडों के गहनों से सजेगें श्री राधा-कृष्ण भगवान

ग्वालियर। नगर निगम ग्वालियर द्वारा श्रीकृष्ण जन्माष्ठमी महोत्सव फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर पर 26 अगस्त 2024 को बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। इस महोत्सव की तैयारियों को लेकर निगमायुक्त अमन वैष्णव द्वारा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। निगमायुक्त श्री वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि विगत कई वर्षों से जन्माष्टमी महोत्सव में फूलबाग स्थित गोपाल मंदिर स्थित श्रीकृष्ण एवं राधा को उनके प्राचीन आभूषणों से सुसज्जित किया जाता रहा है। तब से प्रतिवर्ष गोपाल मंदिर की जन्माष्टमी कार्यक्रम में उक्त गहने तथा भगवान के सोने-चांदी के बर्तन व सजावट का सम्पूर्ण सामान भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बैंक लॉकर से लॉकर भगवान का श्रृंगार किया जाता है। उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पुलिस बल के साथ बैंक लॉकर से भगवान के आभूषण तथा श्रृंगार सामग्री एवं पात्र निकालकर लाये जायेंगे तथा इनकी सफाई इत्यादि कर भगवान का श्रृंगार किया जायेगा। 

धाकृष्ण के श्रृंगार में नगर निगम द्वारा बैंक लॉकर में संचित करोड़ों रूपये कीमत के गहने उपयोग किये जायेंगे जिसमें सफेद मोती वाला पंचगढ़ी हार लगभग ढाई लाख कीमत का, सात लढ़ी हार जिसमें 62 असली मोती और 55 पन्ने होंगे। सन् 2007 मंे इनकी अनुमानित कीमत लगभग 8 से 10 लाख रू. आंकी गई थी, इसके अलावा सोने के तोड़े तथा सोने का मुकुट कृष्ण पहनेंगे जिनकी कीमत भी लगभग 20 लाख रू. है। गोपाल मंदिर की राधा जी का ऐतिहासिक मुकुट जिसमें पुखराज और माणिक जणित के पंख है तथा बीच में पन्ना लगा है, तीन किलो वजन के इस मुकुट की कीमत आज की दरों पर लगभग 80 से 90 लाख के बीच आंकी गई है तथा इसमे लगे 16 ग्राम पन्ने की कीमत लगभग 6,46,000/- आंकी गई। 

राधाकृष्ण के नकसिक श्रृंगार के लिये लगभग साढ़े पांच लाख रू. के जेबर उपलब्ध हैं जिनमें श्रीजी तथा राधा के झुमके, सोने की नथ, कण्ठी, चूड़ियां, कड़े इत्यादि से भगवान को सजाया जायेगा। भगवान के भोजन इत्यादि के लिये भी प्राचीन बर्तनों की सफाई कर इस दिन भगवान का भोग लगाया जावेगा। लगभग 25 लाख रू. कीमत के चांदी के विभिन्न बर्तनों से भगवान का भोग अराधना होगी। जिनमें भगवान की समई, इत्र दान, पिचकारी, धूपदान, चलनी, सांकड़ी, छत्र, मुकुट, गिलास, कटोरी, कुंभकरिणी, निरंजनी आदि सामग्रियों का भी कल प्रदर्षन किया जावेगा। 

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