G.NEWS 24 : स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स की रोकथाम और बचाव के लिए जारी की गाइडलाइन्स

स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश...

स्वास्थ्य विभाग ने मंकीपॉक्स की रोकथाम और बचाव के लिए जारी की गाइडलाइन्स

ग्वालियर। जिले में मंकीपॉक्स वायरस की रोकथाम और नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन द्वारा अहम कदम उठाए गए हैं। दरअसल कलेक्टर रूचिका चौहान के नेतृत्व में, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. आर.के. राजोरिया ने मंकीपॉक्स से संबंधित नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों का मुख्य उद्देश्य मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकना और इस वायरस के प्रति जनसाधारण में जागरूकता बढ़ाना है। डब्लूएचओ द्वारा मंकीपॉक्स को एक महामारी घोषित कर देने के बाद से सभी देश इसे लेकर अलर्ट हो गए हैं। वहीं मध्य प्रदेश के भी सभी शहरों में इसे लेकर सुरक्षा बरती जा रही है। 

दरअसल डॉ. राजोरिया ने जानकारी दी है कि मंकीपॉक्स एक जूनोटिक संक्रमण है, जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। इस वायरस से प्रभावित रोगियों में सामान्यतः बुखार, त्वचा पर चकत्ते, और लिम्फ नोड्स की सूजन जैसे लक्षण उभरते हैं। कुछ स्थितियों में, यह बीमारी चिकित्सकीय जटिलताओं का कारण भी बन सकती है। हालांकि, मंकीपॉक्स प्रायः एक स्व-सीमित बीमारी होती है, जिसके लक्षण 2 से 4 सप्ताह में समाप्त हो जाते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में इस संक्रमण से मृत्यु दर 1 से 10 प्रतिशत तक हो सकती है। 

जानकारी के अनुसार मंकीपॉक्स वायरस जानवरों से मनुष्यों में और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है। यह वायरस शरीर में कटी-फटी त्वचा, श्वसन तंत्र, या म्यूकस मेम्ब्रेन (आंख, नाक, या मुंह) के माध्यम से प्रवेश करता है। संक्रमित जानवरों या वन्यजीवों से मनुष्यों में वायरस का संक्रमण उनके काटने, खरोंचने, या उनके शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थों और घावों से सीधे या परोक्ष संपर्क (जैसे दूषित बिस्तर या कपड़े) के जरिए भी हो सकता है। वहीं मंकीपॉक्स के संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए, ग्वालियर के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी अधिकारियों को इस बीमारी के संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। 

साथ ही, मंकीपॉक्स के बारे में लोगों को जानकारी देने और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जिला अस्पताल मुरार में एक हेल्पडेस्क की स्थापना की गई है। इस हेल्पडेस्क का मोबाइल नंबर 9713528573 है, और यहां पर डॉ. नीतेश मुदगल (एम.डी. मेडिसिन) और डॉ. राम बंसल (बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ) सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक लोगों को मार्गदर्शन और जानकारी प्रदान करेंगे। मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के इलाज और निगरानी के लिए जिला चिकित्सालय मुरार में 10 बिस्तरों वाला एक अलगाव वार्ड (आयसोलेशन वार्ड) बनाया गया है। इसके अतिरिक्त, आवश्यक दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था की गई है, ताकि मरीजों को समय पर सही उपचार मिल सके।

Reactions

Post a Comment

0 Comments