G News 24 : एक दिन के मैच के लिए स्टेडियम रोड पर लगेंगी करोड़ों की स्ट्रीट लाइट !

 तमाम हिन्दु संगठन भी इस मैच को लेकर अपना विरोध जता चुके हैं...

एक दिन के मैच के लिए स्टेडियम रोड पर लगेंगी करोड़ों की स्ट्रीट लाइट !

ग्वालियर। आगामी 6 अक्टूबर को ग्वालियर के शंकरपुर क्षेत्र में स्थित श्रीमंत माधवराव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम अभी नवनिर्मित है और इसमें पहला क्रिकेट मैच बांग्लादेश के विरुद्ध होने जा रहा है। ग्वालियर में प्रस्तावित भारत बांग्लादेश के टी20 क्रिकेट मैच के लिए तैयारियां जोर -शोर से जारी हैं। प्रशासन ने अपने स्तर पर हर वह काम शुरू कर दिया है जो इस स्टेडियम में आने वाले खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए जरूरी है। रास्तों और स्टेडियम की चमक-दमक के लिए प्रशासन करोड़ों रूपये खर्च कर रहा है। वह भी सिर्फ एक दिन की चकाचौंध के लिए। इस एक दिन के मैच से शहर का क्या भला होने वाला है ये सरकार और स्थानीय प्रशासन ही जाने। हां लेकिन इस आयोजन को लेकर करोड़ो रूपये जरूर बर्बाद होने जा रहे हैं क्योंकि बांग्लादेश में हुए तख्ता पलट के बाद जिस तरह की बर्बरता वहां हिन्दुओं के साथ हो रही है उसे लेकर देश के लोगों के बीच आक्रोश है जिसके चलते शहर में भी इस मैच का विरोध हो रहा है। तमाम हिन्दु संगठन भी इसे लेकर अपना विरोध जता चुके हैं। 

इस माहौल में जिस स्मार्ट सिटी और नगर निगम के द्वारा जो चिंता शहर की अंधेरी सड़कों- गलियों चिंता करते हुए लाइट-सफाई की व्यवस्था को लेकर करना चाहिए थी वह न करते हुए ,अब स्टेडियम की और जाने वाली सड़क को दूधिया रोशनी से चमकाया जा रहा है। वाह रे स्मार्ट सिटी तेरे हैं गजब काम ! स्टेडियम तक पहुंच मार्ग की सड़कें अभी स्ट्रीट लाइट विहीन हैं जिसके लिए स्मार्ट सिटी एक्स्ट्रीम हाई लेवल एक्शन मोड में नजर आ रहा है। काम इतनी तेज गति से हो रहा है कि मैच की घोषणा होने के कुछ दिनों के अंदर ही टेंडर प्रक्रिया को भी पूरा कर लिया गया और कार्य आदेश भी जारी कर दिया गया है। शंकरपुर में नवनिर्मित स्टेडियम तक पहुंचने वाली 15 किलोमीटर की सड़कों को रोशन किए जाने की पूरी तैयारी स्मार्ट। सिटी ने कर ली है ऐसी भी तमाम सड़कें यहां हैं जहां पर अभी तक स्ट्रीट पोल भी नहीं लगे हैं। लेकिन जल्द ही सबसे पहले यहाँ बिजली। के खंभे लगाए जाएंगे को खंभे लगने के बाद। जल्द ही स्ट्रीट लाइट लगाकर इन पूरी सडकों को बांग्लादेश की टीम के साथ होने वाले मैच के स्वागत के लिए तैयार कर लिया जाएगा। 

सूत्रों के मुताबिक स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने शहर से शंकरपुर स्टेडियम पहुंच मार्ग। की कुछ सड़कों का स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए चयन किया है। इसमें जलालपुर से लेकर सागर ताल तक की दो। किलोमीटर की सड़क मोती झील से लेकर नए स्टेडियम तक 4 km की सड़क शताब्दीपुरम से भदरौली तक दो किलोमीटर की सड़क ओडीडी नगर गेट से पुरानी रेलवे लाइन तक दो किलोमीटर की सड़क शामिल हैं। इस कार्य में स्मार्ट सिटी 8 करोड 44 लाख रुपये की लागत से 15 km की सडकें। रोशन करेगा और इसके लिए इन सड़कों पर 700से अधिक खंभे भी लगाए जाने हैं। शंकरपुर स्थित क्रिकेट स्टेडियम के पहुंच मार्ग पर स्ट्रीट लाइट लगाने का ठेका इनफील्ड इंजीनियरिंग कंपनी को सौंपा जा चुका है।

इस मैच के बहाने ही सही कम से कम जिन 15 km सड़क पर स्ट्रीट लाइट लगेंगी उस क्षेत्र के रहने वाले नागरिकों को तो कम से कम आने वाले समय में इनका लाभ मिलेगा। ऐसी उम्मीद तो की जा सकती है लेकिन अब सवाल यह खड़ा होता है कि शहर के दूसरे क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों ऐसा क्या अपराध है कि वह अंधेरी गलियों से गुजरने को मजबूर हैं। और न केवल गुजरने को मजबूर हैं बल्कि मरने।को भी मजबूर हैं। पहले एक पत्रकार हजीरा क्षेत्र में इसी अंधेरे कारण सीवर चैंबर में गिरकर और उसके बाद बहोडापुर क्षेत्र के आनंद नगर रोड पर रात को अंधेरी सड़क की वजह से सीवर के लिए खोदे गए गड्ढे में गिरने की वजह से असमय मौत के मुंह में समां चुके हैं। यहां एक तरफ लापरवाह नगर निगम था। जिसने सीवर का गड्ढा खोदकर बैरिकेटिंग नहीं की थी। तो दूसरी ओर वह लापरवाह स्मार्ट सिटी थी जिसने खंभे तो लगे हुए थे लेकिन उन पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगाई थी। 

इतना ही नहीं जब जनता द्वारा चुनी गई एक पार्षद अपर्णा पाटिल को स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के कार्यालय में बैठकर धरना देना पड़ता है और उस धरने की वजह यह होती है कि उस जन प्रतिनिधि के क्षेत्र के नागरिकों को भी स्ट्रीट लाइट की सुविधा मिल सके। तमाम तमाम निवेदन मिन्नतों शिकायतों के बाद भी जब इनके क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट नहीं लग रही थी तो इन्हें स्मार्ट सिटी कार्यालय में धरने पर बैठना पड़ा था। तो एक ओर  तो स्मार्ट सिटी कंपनी की ये हालत है कि आम नागरिकों को जहां ज्यादा जरूरत है वहां स्ट्रीट लाइट लगा नहीं पा रही है और  दूसरी ओर एक ग्रैंड इवेंट प्रस्तावित होते ही अचानक से इतना एक्स्ट्रीम एक्शन मोड में दिखाई दे रही है कि मानो स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन निजी कंपनी केवल इसी काम के लिए बनाई गई हो और इसका जनसुविधा से शायद कोई सरोकार ही न हो !

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