G News 24 : वक्फ कानून में किसी संशोधन को नहीं करेंगे स्वीकार :मौलाना मदनी

 वक्फ संशोधन विधेयक पर अपनी आपत्ति व्यक्त की ...

वक्फ कानून में किसी संशोधन को नहीं करेंगे स्वीकार :मौलाना मदनी 

सहारनपुर। केंद्र सरकार वक़्फ़ ऐक्ट 2013 में लगभग चालीस संशोधनों के साथ नया वक़्फ़ संशोधन विधेयक 2024 संसद में प्रस्तुत करने जा रही है. यह संशोधन किस प्रकार के हैं, इसका अभी कोई विवरण सामने नहीं आया है, लेकिन जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने इस संशोधन विधेयक पर अपनी आपत्ति और चिंता व्यक्त की है. साथ ही कहा है कि किसी भी प्रकार का बदलाव स्वीकार नहीं होगा. उन्होंने केंद्र सरकार के सहयोगी धर्मनिपेक्ष दलों को भी आगाह किया है.

मदनी ने एक बयान में कहा है कि यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि इन संशोधनों द्वारा केंद्र सरकार वक़्फ़ संपत्तियों की स्थिति और स्वभाव को बदल देना चाहती है, ताकि उन पर क़ब्ज़ा करके मुस्लिम वक़्फ़ की स्थिति को समाप्त करना आसान हो जाए. उन्होंने कहा कि हम ऐसे किसी संशोधन को जिससे वक़्फ़ की स्थिति और वक़्फ़कर्ता का उद्देश्य बदल जाए, कभी भी स्वीकार नहीं कर सकते. जमीयत उलमा-ए-हिंद यह स्पष्ट कर देना चाहती है कि वक़्फ़ संपत्तियां मुसलमानों के पुरखों के दिए हुए वह दान हैं जिन्हें धार्मिक और मुस्लिम खैराी कार्यों के लिए समर्पित किया गया है. सरकार ने बस उन्हें विनियमित करने के लिए वक़्फ़ ऐक्ट बनाया है. जमीयत उलमा-ए-हिंद ऐक्ट 2013 मैं कोई ऐसा संशोधन, जिससे वक़्फ़ संपत्तियों की स्थिति और स्वभाव बदल जाए या उसे क़ब्ज़ा कर लेना सरकार या किसी व्यक्ति के लिए आसान हो जाए, कभी भी ऐसे विधेयक को स्वीकार नहीं करेगी.

शरीयत में कोई हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं

इसी तरह वक़्फ़ बोर्डों के अधिकारों को कम या सीमित करने को भी हम स्वीकार नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि जब से यह सरकार आई है विभिन्न बहानों और हथकंडों से मुसलमानों को अराजकता और भय में रखने के लिए ऐसे-ऐसे नए कानून ला रही है, जिससे शरई मामलों में खुला हस्तक्षेप होता है. हालांकि सरकार यह बात अच्छी तरह जानती है कि मुसलमान हर नुकसान बर्दाश्त कर सकता है, लेकिन अपनी शरीयत में कोई हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं कर सकता. मौलाना मदनी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह एक प्रकार से मुसलमानों को दिए गए संवैधानिक अधिकारों में जानबूझकर किया गया हस्तक्षेप है. संविधान ने हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता के साथ-साथ अपने धार्मिक कार्यों के पालन करने का पूरा अधिकार भी दिया है और वर्तमान सरकार संविधान द्वारा मुसलमानों को दी गई इस धार्मिक स्वतंत्रता को छीन लेना चाहती है.

मदनी बोल रहा है सरकार की नीयत खराब है और आपकी नीयत मौलाना जी 

मौलाना मदनी ने आगे कहा कि मुसलमानों ने जो वक़्फ़ किया है और जिस उद्देश्य के लिए वक़्फ़ किया है वक़्फ़कर्ता की इच्छा के खिलाफ प्रयोग नहीं कर सकते, क्योंकि यह प्रॉपर्टी अल्लाह के लिए समर्पित होती हैं. सरकार की नीयत खराब है, हमारे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करना चाहती है और मुसलमानों की अरबों खरबों की संपत्तियों को हड़प लेना चाहती है. और आपकी नीयत तो बहुत साफ है जहां कहीं भी किसी कमजोर हिन्दू या मुसलमान या फिर सरकारी जमीन दिखी और गाड़ दिया वफ्फ़ का झंडा। ये देश संविधान द्वारा बनाये गए कानूनों से ही चलेगा। सरिया से नहीं इसलिए लोगों को गुमराह करके अपनी दुकानें चलाना बंद करो। 

मौलाना जी जैसा किआपने अतीत में चाहे वो यूसीसी का मुद्दा हो या तीन तलाक़ का मुद्दा हो या नान-नफक़ा का मुद्दा हो, उसने इसमें हस्तक्षेप किया है. आपका कहना है कि हमें ऐसा कोई संशोधन स्वीकार नहीं जो वक़्फ़कर्ता की इच्छा के खिलाफ हो या जो वक़्फ़ की स्थिति को बदल दे. अब इस समय सरकार वक़्फ क़ानून में संशोधन का प्रस्ताव लाकर मुसलमानों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर रही है लेकिन जमीयत उलमा-ए-हिंद यह स्पष्ट कर देना चाहती है कि वक़्फ़ एक्ट 2013 में कोई ऐसा संशोधन, जिससे वक़्फ़ संपत्तियों की स्थिति या स्वभाव बदल जाए या कमज़ोर हो जाए, कभी भी स्वीकार नहीं करेगी. मौलाना अब आप कुछ भी कहो या करो वफ्फ़ में संसोधन तो होगा ही होगा। 

NDA पार्टनर्स को चेतावनी

उन्होंने वर्तमान सरकार में भागीदार उन राजनीतिक दलों को चेतावनी दी जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, कि वो ऐसे किसी भी बिल को संसद में स्वीकार न होने दें और उसका विरोध करें, उन्होंने कहा कि इन राजनीतिक दलों को यह नहीं भूलना चाहीए कि उनकी राजनीतिक सफलता के पीछे मुसलमानों का भी हाथ है.

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