G News 24 : दुनिया का वो बांध जिसने पृथ्‍वी के घूमने की रफ्तार ही कर दी कम !

  हैरान कर देगी वजह...

दुनिया का वो बांध जिसने पृथ्‍वी के घूमने की रफ्तार ही कर दी कम !

दुनिया अजूबों से भरी है, इंसानों ने ऐसे स्‍ट्रक्‍चर बनाए हैं, जिन्‍हें देखकर वो खुद ही दांतों तले उंगली दबा ले. दुनिया का एक बांध भी ऐसा ही है. दुनिया के सबसे बड़े बांध का खिताब थामे थ्री गोरजेस डैम इतना बड़ा और भारी पड़ गया कि इसने धरती के घूमने की रफ्तार कम कर दी. 

दुनिया का यह सबसे बड़ा बांध चीन ने बनाया है. थ्री गोरजेस डैम 2.3 किलोमीटर लंबा, 115 मीटर चौड़ा और 185 मीटर ऊंचा है. दुनिया का सबसे बड़ा पनबिजली बांध चीन के हुबेई प्रांत में यांग्जी नदी पर बना हुआ है. यह दुनिया की तीसरी सबसे लंबी नदी है. 

आधा दर्जन देशों को मिल सकती है बिजली 

18 साल में बनकर तैयार हुए इस बांध का आकार इतना बड़ा है कि इससे पैदा होने वाली बिजली से आधा दर्जन देश रोशन हो सकते हैं. यानी कि दुनिया के 6-7 छोटे-मोटे देशों की बिजली आपूर्ति केवल इस एक बांध से बनी बिजली से हो सकती है. 

ढाई लाख करोड़ आई लागत 

इस विशालकाय बांध को बनाने में ढाई लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत आई है. इस बांध का निर्माण साल 1994 में शुरू हुआ और 2012 में यह बनकर तैयार हो पाया. 

बन जाएंगे 5-6 एफिल टॉवर 

इस बांध को बनाने में इतने स्‍टील का इस्‍तेमाल हुआ है कि इससे 5 से 6 एफिल टॉवर बनकर तैयार हो सकते हैं. खबरों के मुताबिक दुनिया के सबसे बड़े बांध को बनाने में 63 हजार टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है. 

पृथ्‍वी की घूर्णन गति हो गई कम 

ये बांध इतना बढ़ा है कि इसके भारी बोझ के कारण पृथ्‍वी के घूमने की स्पीड तक कम हो गई. इससे दिन कुछ बड़े हो गए हैं. इस बांध में इतना पानी इकट्ठा किया गया है कि इससे पृथ्वी का जड़त्वाघूर्ण प्रभावित हो गया है. पृथ्वी के घूमने की गति धीमी होने से एक दिन का समय 0.06 माइक्रोसेकंड्स बढ़ गया है, यानी अब दिन थोड़ा लंबा हो गया है. 

उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव खिसक गए 

यहां तक कहा जाता है कि थ्री र्गोजेस बांध के बनने से उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव भी अपनी-अपनी जगह से 2-2 सेंटीमीटर खिसक गए हैं. साथ ही अन्य ध्रुवों पर पृथ्वी थोड़ी सी चपटी भी हो गई है. 

पर्यावरण को भारी नुकसान 

इस डैम के कारण पर्यावरण को खासा नुकसान हुआ है. इस डैम ने पृथ्वी के वातावरण पर असर डाला है. साथ ही इस डैम के बनने से आस-पास के क्षेत्र में भूस्खलन और भूकंप का खतरा बढ़ गया है. साथ ही जीव-जंतुओं के जीवन पर भी संकट खड़ा हुआ है. 

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