राहुल गांधी चले अरविन्द केजरीवाल के राह ... !
राहुल गांधी ने भविष्यवाणी करते हुए किया दावा कि ED करने वाली है उनके घर रेड !
नई दिल्ली । लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार (2 अगस्त) को सनसनीखेज दावा कर दिया. उन्होंने कहा कि 29 जुलाई को संसद में दिए गए उनके 'चक्रव्यूह' भाषण के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनके घर पर रेड मारने की प्लानिंग कर रही है. राहुल ने कहा कि वह खुली बांहों के साथ ईडी अधिकारियों का इंतजार कर रहे हैं. कांग्रेस नेता ने दावा किया कि ईडी के 'अंदरूनी सूत्रों' ने उन्हें छापेमारी की जानकारी दी है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने ईडी की छापेमारी को लेकर दावा किया. शुक्रवार तड़के की गई पोस्ट में उन्होंने लिखा, "जाहिर है, 2 में से 1 को मेरा चक्रव्यूह वाला भाषण अच्छा नहीं लगा. ईडी के अंदरूनी सूत्रों ने मुझे बताया है कि छापेमारी की तैयारी हो रही है. मैं ईडी का खुली बांहों से इंतजार कर रहा हूं. चाय और बिस्कुट मैं खिलाऊंगा." राहुल ने अपनी इस पोस्ट में प्रवर्तन निदेशालय के आधिकारिक एक्स हैंडल को टैग भी किया है.
दरअसल, राहुल गांधी की तरफ से ये दावा ऐसे समय पर किया गया है, जब उन्होंने 29 जुलाई को लोकसभा में बजट पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि देश के किसान, मजदूर और नौजवान डरे हुए हैं. राहुल ने कमल के निशान को हर जगह दिखाने के लिए पीएम मोदी की आलोचना की और दावा किया कि 21वीं सदी में एक नया 'चक्रव्यूह' रचा गया है.
राहुल ने कहा था, "कुरुक्षेत्र में हजारों साल पहले छह लोगों ने अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर मारा था. मैंने थोड़ी रिसर्च की और मुझे पता चला कि चक्रव्यूह को पद्मव्यूह के तौर पर जाना जाता है, जिसका मतलब कमल के आकार से है. चक्रव्यूह कमल के आकार का होता है. 21वीं सदी में भी एक नया चक्रव्यूह बनाया गया है, जो बिल्कुल कमल की तरह ही है."
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री इसका निशान अपनी छाती पर लगाते हैं. जो अभिमन्यु के साथ किया गया था, आज वो भारत के लोगों के साथ किया जा रहा है. युवाओं, किसानों, महिलाओं, छोटे और मध्यम व्यापारियों के साथ किया जा रहा है. अभिमन्यु को छह लोगों ने मारा था. आज भी केंद्र सरकार में चक्रव्यूह के भीतर छह लोग हैं. आज भी छह लोग भारत को कंट्रोल करते हैं. ये लोग हैं- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी.
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