G News 24 : CM ने प्रदेश के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व संचालनालय (मुख्यालय) का किया शुभारंभ

 महाकाल महालोक की सुरक्षा व्यवस्था के लिए 400 होमगार्ड जवानों के नवीन पद स्वीकृत ...

CM ने प्रदेश के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व संचालनालय (मुख्यालय) का किया शुभारंभ

उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी से अब धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का मुख्यालय संचालित होगा इसलिए मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि इस नगरी के गौरव में वृद्धि करने के लिए आज का दिन इतिहास का एक नया अध्याय लिखेगा। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन ने एक अद्भुत प्रकार का शहर के होने का गौरव प्राप्त किया है। कई कल्पों से उज्जयिनी की एक अलग पहचान पूरी दुनिया में रही है। काल के प्रभाव में समय बदलता है। लेकिन हर काल हर युग हर कल्प हर समय हर अवस्था में इसी नगरी का अस्तित्व मिलता है, यह हमारी प्यारी नगरी अवंतिका है, जिसका हर युग में हर समय अपना अस्तित्व को बनाए रखा, इसकी प्रसिद्ध होती रही।

उक्त विचार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग तथा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के संचालनालय के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डाॅ. यादव ने उज्जैन में निरीक्षक सहित सभी पदों के साथ दो नए थाने की तथा महाकाल महालोक की सुरक्षा व्यवस्था के लिए 400 होमगार्ड जवानों के नवीन पद स्वीकृत करने घोषणाएं की। उज्जैन में नवीन थाने महाकाल लोक एवं इंदौर तपोभूमि रोड पर स्थापित किए जाएंगे। यह घोषणा इसी वर्ष से लागू होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस उज्जैन नगरी की बड़ी विशेषता है कि अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए हर काल में अलग-अलग नाम से पहचानी जाती रही है। इसलिए उज्जैन के अनेकानेक नाम हैं, जिसमें से एक नाम अवंतिका जिसका कभी अंत नहीं हुआ, एक नाम अमरावती जिसक अमरता से संबंद्ध है। एक नाम पदमावती जो भगवान विष्णु की प्रिय नगरी है। एक कनकवती, एक कुसुमवती, कनकश्रंगा अलग-अलग नाम से अलग-अलग समय में अलग-अलग विशेषताओं के आधार पर जानी जाती रही है।

नगर में रहने वाले नागरिकों के भवन भी जब सोने से मढ़े हुए दिखाई देते थे, तब इसको कनकश्रंगा कहा जाता था। आखिरी में अब उज्जयिनी के नाम से प्रसिद्ध हैं, उज्जयिनी अर्थात उत्कृष्ट। यहां जो जीवन के जिस क्षेत्र में जाना चाहेगा, उस क्षेत्र में सफल होगा। डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद तो कि उज्जैन में और चार चांद लग गए हैं। बाबा महाकाल के महालोक के लोकापर्ण के बाद उज्जैन दुनिया के लिए एक अलग आकर्षण प्रदान करने वाला शहर बन गया है। हम सब जानते हैं कि इसी सिलसिले में कई सारे विकास के काम, कई जनहित के कार्यक्रम चालू हुए हैं। विकास के क्रम में हम सम्राट विक्रमादित्य को भी जोड़ कर देखें तो यहां रिसर्च सेंटर और कई कार्यक्रम उनके नाम से यहां से शुरू किए गए हैं।

भारत के बड़े-बड़े राज्यों में विक्रमादित्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जैसे भोपाल राजधानी बनी, हर नगर को कोई न कोई मान मिला, उसमें से उज्जैन को विक्रम विश्वविद्यालय मिला। इंदौर को हाईकोर्ट मिली, ग्वालियर को राजस्व का मुख्य कार्यालय मिला। इसी प्रकार से जबलपुर में हाईकोर्ट की मुख्य ब्रांच मिली। लेकिन इन सब से उज्जैन कुछ पिछड़ा लग रहा था। अब धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का मुख्यालय उज्जैन से संचालित होगा, जिससे इस कमी की भी पूर्ति हो जाएगी।

बाबा महाकाल सहित सभी देव स्थानों के लिए धन राशि की मंजूरी इसी विभाग की जाती है। मंदिरों के रखरखाव और बेहतर प्रबंधन किया जाता है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि देव स्थान के लिए जाने वाली धार्मिक यात्राओं का इसी विभाग के माध्यम से सुचारू रूप से संचालन किया जाएगा। विभिन्न प्रकार के मंदिरों के निर्माण के लिए भी लगभग 26 करोड़ रुपये का बजट इसी विभाग की कमिश्नरी के माध्यम से स्वीकृत होगा। प्रयागराज, मथुरा, वृंदावन जैसे स्थानों पर हवाई यात्रा भी चालू की जा रही है। हवाई तीर्थ यात्रा की दृष्टि से भी यह संचालनालय महत्वपूर्ण निभाएगा।

देव स्थानों पर विकास के कार्य किए जाएंगे

मुख्यंमत्री डॉ. यादव ने कहा कि सलकनपुर, दतिया, औरछा सहित देव स्थानों पर विकास के और कार्य किए जाएंगें। महाकाल लोक 13 स्थानों पर बनाए जा रहे हैं। मंदिर से जुडी सभी व्यवस्थाओं के लिए यह कार्यालय बेहतर प्रबंधन करेगा। संचालनालय खुलने के साथ हमने दो निर्णय और लिए हैं। एक निर्णय भगवान श्रीराम के चरण चिन्ह जहां पड़े हैं उन स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित करेंगे। भगवान कृष्ण की जहां जहां लीलाएं हुई हैं उन्हें भी देव स्थान की तरह विकसित करेंगे । जिसमें धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का संचालनालय अपनी भूमिका निभाएगा। सिंहस्थ के लिए हमने 500 करोड की राशि बजट में रखी हैं। सिंहस्थ केवल उज्जैन का ही नहीं उज्जैन इंदौर सहित सभी धार्मिक केद्रों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी भूमिका अदा करेगा। मंदिरों के सभी पुजारियों के मानदेय की व्यवस्था भी इसी संचालनालय से हाेती रहेगी।

सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा कि उज्जैन में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के संचालनालय का लोकापर्ण होना बहुत बड़ा कार्य है। अब यहीं से पूरे प्रदेश के मंदिरों और धार्मिक न्यास सहित अन्य धार्मिक निर्माण कार्यों का संचालन होगा। मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव की मंशा के अनुरूप धार्मिक कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री डाॅ यादव के नेतृत्व में अगले सिंहस्थ का अद्वितीय आयोजन होगा। उनके द्वारा दी जाने वाली सौगात के लिए हम उनका आभार मानते हैं। धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के संचालनालय के संचालक संजय गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में संचालनालय का शुभारंभ हो गया है। अब यहीं से पूरे प्रदेश के धार्मिक न्यास व मंदिरों के निर्माण का संचालन होगा।

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