भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी...
शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर,बांग्लादेश में एक बार फिर भड़की हिंसा, 98 की मौत !
बांग्लादेश में इस बार प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन किया गया है। वहीं, शेख हसीना ने आंदोलन के नाम पर हिंसा करने वालों को आतंकवादी करार दिया है। इससे पहले सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मसले पर आंदोलन हुआ था।
बांग्लादेश में एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी है और इस हिंसा में 98 बांग्लादेशियों की मौत हो गई है। हालातों को देखते हुए भारत समेत कई देशों ने एडवाइजरी जारी कर अपने-अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि जब तक जरूरी न हो अपने घरों पर ही सुरक्षित रहें। एडवाइजरी जारी कर अपने लोगों को बांग्लादेश नहीं जाने की सलाह दी है।
इस बार छात्र संगठन प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। हिंसा में रविवार को करीब 98 लोगों की मौत हो गई। ताजा हिंसा में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं,कई स्थानों पर आगजनी की गई, जिससे भारी नुकसान हुआ है। भीड़ ने ढाका के इनायतपुर पुलिस थाने पर हमला कर 13 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी।हिंसा को देखते हुए सरकार ने पूरे देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है। इंटरनेट मीडिया पर भी लगी रोक लगा दी है।
- पूरे बांग्लादेश में तीन दिन छुट्टी
- ताजा हिंसा भड़कने के बाद शेख हसीना सरकार एक्शन में आई।
- सेना प्रमुखों के साथ बैठक में हिंसा के कारणों का पता लगाया गया।
- पूरे देश में 3 दिन की छुट्टी है। लोगों से घरों में रहने को कहा गया है।
- गृह मंत्रालय ने देश में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू का एलान कर दिया है।
- सरकार ने फेसबुक समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बैन कर दिए हैं।
आरक्षण पर भड़की थी हिंसा
बांग्लादेश में पिछले महीने भी हिंसा भड़की थी। तब मुद्दा आरक्षण का था। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद मामला शांत हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने बांग्लादेश सरकार के उस फैसले को पलट दिया था, जिसमें 1971 मुक्ति संग्राम में शामिल होने वाले लोगों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण का आदेश था।
आंदोलन के नाम पर हिंसा करने वाले आतंकवादी हैं। देशवासियों को उन्हें कुचल देना चाहिए-- शेख हसीना, प्रधानमंत्री
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