बांग्लादेश की कमान संभाल रहे यूनुस को पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं...
50 से अधिक हस्तियों ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए बांग्लादेश के राष्ट्रपति को लिखा पत्र !
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ले ली है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखकर मोहम्मद यूनुस को शुभकामनाएं दी है. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश में सामान्य स्थिति के शीघ्र बहाल होने की उम्मीद जताई और देश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और संरक्षण की अपील की. सोमवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देकर देश छोड़ने के बाद से जारी हिंसा में कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई है और हसीना की अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई है.
बांग्लादेश के राष्ट्रपति को लिखा पत्र
बंगाल के 50 से अधिक प्रख्यात लोगों ने बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को पत्र लिखकर उनसे समाज के सभी वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में फिल्म निर्माता अपर्णा सेन, शिक्षाविद् पवित्रा सरकार और उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अशोक गांगुली शामिल हैं. पत्र में उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की तथा एक समुदाय द्वारा दूसरे समुदाय के पूजा स्थलों की रक्षा करने की घटनाओं की सराहना भी की. इन जानी-मानी हस्तियों ने कहा कि उन्होंने यह पत्र इसलिए लिखा है क्योंकि देश में उथल-पुथल मची हुई है और उनमें से कई लोगों को बिगड़ते हालात के बारे में दुनिया भर से बांग्लादेशी मित्रों के फोन आ रहे हैं.
हिंदुओं की बांग्लादेश में आबादी कितनी?
पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी लगातार कम होती जा रही है, साल 1951 में हिंदुओं की आबादी लगभग 22 फीसदी थी. लेकिन 2011 तक यह घटकर लगभग 8.54 फीसदी हो गई. हाल ही में मुस्लिम बहुल बांग्लादेश की 170 मिलियन आबादी में हिंदुओं की संख्या लगभग 8% है. यहां पर हिंदू समुदाय आबादी के मामले में दूसरे नंबर पर है.
मोदी सरकार ने बांग्लादेश में चल रही घटना पर अपनी नजर रखी हुई है. बीते दिनों इस संबंध में बैठक भी हुई थी. केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर उन्हें पड़ोसी देश में घट रही हर घटनाओं के बारे में जानकारी मुहैया कराई थी.
हिंदुओं पर कट्टरपंथियों को बढ़ रहे हैं हमले
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से वहां रह रहे हिंदुओं पर हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं. कई हिंदू मंदिरों, मकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़, महिलाओं पर हमले तथा हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम दो हिंदू नेताओं की हत्या की खबरें आई हैं. बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद नेता काजोल देबनाथ के अनुसार देश के विभिन्न हिस्सों में हुई बर्बरता की कुछ घटनाएं सामने आई हैं. दो हिंदू नेताओं की उत्तर-पश्चिमी सिराजगंज और रंगपुर में हत्या कर दी गई, जो हसीना की अवामी लीग पार्टी के नेता थे. उन्होंने कहा कि परिषद अभी और जानकारी एकत्र कर रही है. दुकानों, मंदिरों और घरों में लूटपाट की और हिंदू महिलाओं पर हमला किया है.
बॉर्डर पर शरण के लिए आ रहा बांग्लादेशी
बांग्लादेश में जारी हिंसा और उपद्रव को देखते हुए भारत बांग्लादेश सीमा पर अलर्ट घोषित किया गया है. हिंसा में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और अरबों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है. जिसके बाद बांग्लादेशी नागरिकों में भय का माहौल है. ऐसे में उपद्रव और हिंसा के भय से बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी नागरिक देश छोड़ने की कोशिशों में जुटे हुए है. किशनगंज से सटे बंगाल के इस्लामपुर थाना क्षेत्र से सटे बांग्लादेश की सीमा पर सैकड़ों बांग्लादेशी नागरिक आ गए और भारत से शरण मांगने लगे.
बांग्लादेशी नागरिकों के बॉर्डर पर जमा होने की सूचना के बाद बीएसएफ कमांडेंट अजय शुक्ला, इस्लामपुर थाने के एसपी जेबी थॉमस पुलिस अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और हालत का जायजा लेने के साथ-साथ अधिकारियो ने बीजीबी के सहयोग से सभी नागरिकों को वापस उनके गांव भेज दिया है. सीमा सुरक्षा बल द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि नॉर्थ बंगाल फ्रंटियर के अधीनस्थ दो बीओपी पर घुसपैठ की कोशिश की गई. अधिकारियों और जवानों द्वारा समझा बुझा कर सभी को वापस भेज दिया गया है.
बीएसएफ द्वारा बताया गया की स्थिति को देखते हुए सभी बीओपी पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है और आपात स्थिति से निपटने के लिए 24 घंटे सख्त निगरानी का निर्देश दिया गया है. जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर सीमा सुरक्षा बनाए रखने और क्षेत्र में सभी व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी सेनाएं स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही हैं और किसी भी घटनाक्रम का जवाब देने के लिए तैयार हैं.
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