भारी बारिश के कारण मां वैष्णो देवी पहुंच मार्ग पर हुआ भूस्खलन !
पुल पर पानी आने से 42 छात्र और आठ शिक्षक व कर्मचारी 27 घंटे स्कूल में फंसे रहे !
जयपुर । राजस्थान के जयपुर जिले के एक गांव में पुल पर पानी भर जाने से 42 छात्र और आठ शिक्षक व कर्मचारी 27 घंटे स्कूल में फंसे रहे। ग्रामीणों ने बताया कि मासी नदी में अचानक आई बाढ़ में स्कूल को जोड़ने वाला पुल पानी में डूब गया था। ग्रामीणों ने बताया कि एसडीएम से बात करने पर भी कोई सरकारी मदद नहीं मिली। बच्चों को निकालने के लिए कोई बचाव दल भी नहीं आया। इसके बाद ग्रामीणों ने स्कूल में ही बच्चों के रहने और खाने-पीने का इंतजाम किया।
भारी बारिश के बीच कटड़ा में मां वैष्णो देवी मार्ग का एक हिस्सा भूस्खलन के चलते ढह गया
भारी बारिश के बीच जम्मू-कश्मीर के कटड़ा में मां वैष्णो देवी मार्ग का एक हिस्सा भूस्खलन के चलते ढह गया। वहीं, पहाड़ से मलबा गिरने के कारण बदरीनाथ हाईवे भी शुक्रवार को दो घंटे बंद रहा, जिससे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पंजाब के पठानकोट और शिमला के रामपुर में बादल फटने की घटनाएं सामने आईं। इससे बरसाती नाले में अचानक पानी बढ़ गया, लेकिन किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। मौसम विभाग के मुताबिक, अभी कम से कम चार दिन देश के अधिकांश हिस्सों में मध्य से लेकर भारी बारिश होगी और पहाड़ी राज्यों में भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं हो सकती हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे सटे पश्चिम बंगाल पर कम दबाव का क्षेत्र बना है जिसके और संघटित होने की संभावना है। इसके प्रभाव से अगले सप्ताह के दौरान पूर्वी और मध्य भारत में तेज बारिश होने का अनुमान है। इसके अलावा, अगले 2-3 दिनों के दौरान केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। वहीं, 20 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में व्यापक रूप से हल्की/मध्यम वर्षा हो सकती है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान में भी छिटपुट से लेकर व्यापक वर्षा होने की संभावना है।मूसलाधार बारिश के बाद मां वैष्णो देवी मार्ग पर बाणगंगा क्षेत्र में गुलशन नगर के पास भूस्खलन हुआ। इस दौरान टिन शेड और रास्ते पर भी पत्थर गिरे। हालांकि कोई श्रद्धालु चपेट में नहीं आया। चरण पादुका के पास मिल्कबार क्षेत्र में भूस्खलन हुआ। एहतियातन श्राइन बोर्ड ने गुलशन लंगर के पास इस क्षेत्र में आवाजाही पर रोक लगा दी। भूस्खलन वाले स्थान पर 30 से 40 फीट हिस्सा ढह गया है जिसे ठीक करने में 10 से 15 दिन का वक्त लग सकता है।
उत्तराखंड के श्रीनगर जिले में दो जगह भूस्खलन होने से ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे शुक्रवार को करीब डेढ़ घंटे से अधिक समय तक बाधित रहा। हाईवे बंद होने से सड़क के दोनों ओर से वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। शुक्रवार शाम कुछ देर के लिए तेज बारिश आने से शाम करीब चार बजे हनुमान मंदिर के पास व सिरोहबगड़ में हाईवे पर मलबा आया था। कलियासौड़ चौकी इंचार्ज अजय भट्ट ने बताया, सिरोहबगड़ व हनुमान मंदिर के पास हाईवे बंद होने से वाहनों की आवाजाही ठप हो गई थी। शाम पौने छह बजे दोनों स्थानों पर मार्ग खुल गया। वहीं, सुनला के पास चट्टान टूटने से बृहस्पतिवार शाम छह बजे कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया था। मशक्कत के बाद शुक्रवार सुबह नौ बजे मलबे को हटाकर हाईवे पर यातायात बहाल किया जा सका।
केदारनाथ : लिंचोली में पैदल मार्ग पर मलबे में मिले 3 शव
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर चल रहे सर्च अभियान के दौरान लिंचोली में बोल्डरों के बीच भारी मलबे से तीन शव बरामद किए गए हैं। 31 जुलाई देर रात को बादल फटने के बाद आई आपदा से पैदल मार्ग समेत यात्रा पड़ावों पर बड़ी संख्या में यात्री और स्थानीय लोग फंस गए थे। एसडीआरएफ के सर्च प्रभारी यशपाल सिंह रावत के नेतृत्व में बृहस्पतिवार 15 अगस्त को जवानों ने यहां भारी बोल्डरों को हटाया। करीब सात घंटे की मशक्कत के बाद कई फीट मलबा हटाने के बाद यहां से तीन शव बरामद हुए। शवों को आपातकालीन हेलिपैड भीमबली लाया गया था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण उन्हें हेलिकॉप्टर से जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग नहीं पहुंचाया जा सका। शुक्रवार को भी मौसम साफ नहीं होने पर शवों को पैदल मार्ग से सोनप्रयाग लाया गया। शवों से मिले आधार कार्ड के आधार पर दोनों मृतकों की पहचान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के खोड़ा निवासी सुमित शुक्ल और रामनगर निवासी कृष्ण पटेल के रूप में हुई है।
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