ठाठीपुर पुनर्घनत्वीकरण योजना में भी शिफ्टिंग का बहाना बनाकर सैकड़ों काटे गये थे सैकड़ों पेड़ ...
10 एकड़ में अटल स्मारक बनाने के लिये दी जाएगी हजारों पेड़ों की बलि !
ग्वालियर। सिरोल पहाड़ी पर बन रहे अटल स्मारक के लिये यहां के सैकड़ों पेड़ों की बलि चढ़ाने का अब विरोध शुरू हो गया है। इसकी शुरूआत भाजपा के वरिष्ठ नेता राज चड्डा ने कर दी है। उन्होंने कहा है कि वन विभाग ने अभी तक इस जमीन को संस्कृति विभाग को नहीं सौंपा है जबकि यहां संस्कृति विभाग ने यहां काम शुरू कर दिया है। राज चड्डा ने कहा है कि हजारों पेड़ों की कीमत पर निर्माण नहीं नहीं होना चाहिये। यह वन क्षेत्र ग्वालियर के फेंफडे है। अगर इन्हें निकाल दिया तो आने वाले समय में ग्वालियर को इसके नुकसान भी झेलने होंगे।
यह है अटल स्मारक प्रोजेक्ट
सिरोल पहाड़ी पर प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा सिरोल पहाड़ी पर बनाये जा रहे क्वार्टर, कवि गोष्ठी हॉल, कार पार्किंग व ऑडिटोरियम बनाये जायेंगे। प्रथम चरण के लिये 20 करोड़ रूपये मिल चुके हैं। वर्ष 2020 में विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इस स्मारक के निर्माण की घोषणा की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसके लिये भूमिपूजन किया था। यह स्मारक 10 एकड़ में तैयार होना है। इसमें ई-लायब्रेरी, सोविनयर शॉप, मल्टीपरपज हॉल, कैफेरिया, पुस्कालय और लाइट एंड साउंड शो भी शामिल किया गया है। इस का काम ग्वालियर की बसंल कंपनी को मिला है। इस स्मारक के निर्माण में ग्वालियर के सेंड स्टोन का उपयोग किया जायेगा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस निर्माण कार्य में दो चरणों में किया जाना था। लेकिन अब पहले फेस का निर्माण कार्य ही होना है। इस पर कुल 20 करोड़ रूपये खर्च होंगे।
ठाठीपुर पुनर्घनत्वीकरण योजना में भी शिफ्टिंग का बहाना बनाकर सैकड़ों काटे गये थे सैकड़ों पेड़
ग्वालियर। सिरोल पहाड़ी पर बन रहे अटल स्मारक के लिये यहां के सैकड़ों पेड़ों की बलि चढ़ाने का अब विरोध शुरू हो गया है। इसकी शुरूआत भाजपा के वरिष्ठ नेता राज चड्डा ने कर दी है। उन्होंने कहा है कि वन विभाग ने अभी तक इस जमीन को संस्कृति विभाग को नहीं सौंपा है जबकि यहां संस्कृति विभाग ने यहां काम शुरू कर दिया है। राज चड्डा ने कहा है कि हजारों पेड़ों की कीमत पर निर्माण नहीं नहीं होना चाहिये। यह वन क्षेत्र ग्वालियर के फेंफडे है। अगर इन्हें निकाल दिया तो आने वाले समय में ग्वालियर को इसके नुकसान भी झेलने होंगे।
पहाड़ी पर नगर वन के लिये किया गया था पौधरोपण
वन विभाग द्वारा इस पहाड़ी पर नगर वन के लिये पौधरोपण किया गया था। जिसमें न्यायाधीशगण भी शामिल हुए थे। वहीं, उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के न्यायमूर्ति आनंद पाठक द्वारा भी इस पहाड़ी पर पौधरोपण किया जा चुका है। यह स्वयं अपने आदेशों में विभिन्न आपराधिक मामलों में आरोपियों को इस पहाड़ी पर पौधे लगाने की शर्त पर जमानत मंजूर करते रहे है।
न्यायालय के आदेश पर भी यहां पर सैकड़ों आरोपियों द्वारा पौधरोपण किया जा चुका है। यह पौधे अब पेड़ बन चुके है। वहीं, वन विभाग द्वारा रोपे गये पौधे भी अब बड़े हो चुके है। यहां पहलंे से ही सैकड़ों पेड है। यहीं नहीं इस क्षेत्र में घना वन क्षेत्र में पहाड़ी पर नजर आती है। भाजपा नेता राज चड्डा ने कहा है कि वन्य जीवों और वन संपदा का संरक्षण करना वन विभाग का दायित्व है। लेकिन यहां के वन क्षेत्र की कीमत पर यहां निर्माण कराया जाना उचित नहीं है। इसके लिये ऐसा स्थान चयन करना चाहियिे जहां वन क्षेत्र का नुकसान न हो।
उन्होंने कहा है कि अधिकारी कह रहे है कि यहां से पेड़ों को शिफ्ट किया जायेगा। लेकिन ऐसा होगा नहीं, ठाठीपुर पुनर्घनत्वीकरण योजना में भी सैकड़ों काटे गये है और जो पेड़ सिरोल पहाड़ी नीचे लगाये गये थे। आज ठूंठ बनकर खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा है कि पेड़ों की शिफ्टिंग सिर्फ लोगों को भ्रमित करना है। इसका कोई मतलब नहीं निकलता है। उन्होंने कहा है कि एक वन क्षेत्र बनने में बरसों लग जाते हैं। अब उसे विकास के नाम पर उजाड़ा जाना कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा है कि 26 हैक्टर के इस वन क्षेत्र को उजड़ने से रोकने के लिये उनका विरोध जारी रहेगा।
वन विभाग द्वारा इस पहाड़ी पर नगर वन के लिये पौधरोपण किया गया था। जिसमें न्यायाधीशगण भी शामिल हुए थे। वहीं, उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के न्यायमूर्ति आनंद पाठक द्वारा भी इस पहाड़ी पर पौधरोपण किया जा चुका है। यह स्वयं अपने आदेशों में विभिन्न आपराधिक मामलों में आरोपियों को इस पहाड़ी पर पौधे लगाने की शर्त पर जमानत मंजूर करते रहे है।
न्यायालय के आदेश पर भी यहां पर सैकड़ों आरोपियों द्वारा पौधरोपण किया जा चुका है। यह पौधे अब पेड़ बन चुके है। वहीं, वन विभाग द्वारा रोपे गये पौधे भी अब बड़े हो चुके है। यहां पहलंे से ही सैकड़ों पेड है। यहीं नहीं इस क्षेत्र में घना वन क्षेत्र में पहाड़ी पर नजर आती है। भाजपा नेता राज चड्डा ने कहा है कि वन्य जीवों और वन संपदा का संरक्षण करना वन विभाग का दायित्व है। लेकिन यहां के वन क्षेत्र की कीमत पर यहां निर्माण कराया जाना उचित नहीं है। इसके लिये ऐसा स्थान चयन करना चाहियिे जहां वन क्षेत्र का नुकसान न हो।
उन्होंने कहा है कि अधिकारी कह रहे है कि यहां से पेड़ों को शिफ्ट किया जायेगा। लेकिन ऐसा होगा नहीं, ठाठीपुर पुनर्घनत्वीकरण योजना में भी सैकड़ों काटे गये है और जो पेड़ सिरोल पहाड़ी नीचे लगाये गये थे। आज ठूंठ बनकर खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा है कि पेड़ों की शिफ्टिंग सिर्फ लोगों को भ्रमित करना है। इसका कोई मतलब नहीं निकलता है। उन्होंने कहा है कि एक वन क्षेत्र बनने में बरसों लग जाते हैं। अब उसे विकास के नाम पर उजाड़ा जाना कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा है कि 26 हैक्टर के इस वन क्षेत्र को उजड़ने से रोकने के लिये उनका विरोध जारी रहेगा।
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